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पक रही है कविता

श्रीमती संतोष श्रीवास्तव
भोपाल (मध्यप्रदेश) 
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कविता जिंदगी की,
अनिवार्य जरूरत हैl

वह सुनती है,
आत्मा की आवाज
देखती है…l

निर्दयी,निर्मम आतंक से
एक ही पल में मिटते,
पृथ्वी को दी
हर बन्दे के रूप में
ईश्वर की सबसे
बेशकीमती सौगात कोl

बंदूकों की होड़
बमों का जखीरा,
आत्मघाती धमाकों से
ढेर हुई इंसानियत कोl

शवों पर कलपते दाम्पत्य को,
अनाथों की बढ़ती तादाद को
युद्ध,विनाश की कगार पर
झुकती दुनिया को,
जो विनाश का
केवल एक घातक अंश हैl

हर राष्ट्र को खुद को,
सही साबित करने की
जरूरी बहसों में डूबते,
सियासी दाँव-पेंच की जद में
धर्म कोl

कविता को,
आवाज देनी है जमीर को
बचाना है प्यार को,
हताश नहीं होना है कविता को
शब्द-शब्द गढ़ना है टूटे हुए को,
भाव-भाव जगाना है विश्व चेतना कोl

पक रही है कविता,
अंश-अंश मेरे अंदर
जो संपूर्ण मानवता को
बचाने के लिए,
करेगी अंतरसंवादll

परिचय-श्रीमती संतोष श्रीवास्तव की जन्म तारीख २३ नवम्बर १९५८ और जन्म स्थान-जबलपुर( मध्यप्रदेश)है। वर्तमान में स्थाई रूप से आपका बसेरा भोपाल (मध्यप्रदेश)में है। हिंदी,अंग्रेजी,मराठी,गुजराती और उर्दू भाषा का ज्ञान रखने वाली श्रीमती श्रीवास्तव की शिक्षा-एम.ए.,बी.एड. और पत्रकारिता में डिप्लोमा है। कार्यक्षेत्र-४० वर्ष मुंबई स्थित विश्वविद्यालय में शोध समन्वयक रही हैं। सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत आप हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने के अलावा युवा लेखकों,चित्रकारों तथा रंगकर्मियों को मंच प्रदान कराती हैं। आपकी लेखन विधा-कहानी,उपन्यास,लघुकथा और कविता है। उपन्यास,कथा संग्रह,कविता संग्रह,स्त्री विमर्श और यात्रा संस्मरण की किताबों को मिलाकर १९ पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। देशभर में प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में आपकी विविध रचनाओं का प्रकाशन जारी हैl प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में आपको बैंकॉक और ताशकंद में २ अंतर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर के १८ पुरस्कार-सम्मान मिले हैंl विशेष उपलब्धि-राजस्थान विवि से पीएचडी की मानद उपाधि मिलना तथा स्त्री के विभिन्न पहलुओं पर आधारित `मुझे जन्म दो माँ` सन्दर्भ पुस्तक के रुप में सम्मिलित होना है।इनकी ६ पुस्तकों पर कुछ विश्वविद्यालयों से एम.फिल. हो चुका है,तो कुछ में पीएचडी हो रही है। विश्व के शीर्ष १०० हिंदी लेखक-लेखिकाओं में शामिल संतोष जी के उपन्यास `मालवगढ़ की मालविका` का चयन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उच्च स्तरीय पुस्तकों के अंतर्गत किया है। आप कई संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैंl लेखनी का उद्देश्य-समाज की कुरीतियों,विडंबनाओं तथा स्त्री विषयक समस्याओं को लिखना हैl पसंदीदा हिन्दी लेखक-निर्मल वर्मा,अज्ञेय, महादेवी वर्मा,इस्मत चुगताई हैंl लेखक-पत्रकार और बड़े भाई स्व.विजय वर्मा को प्रेरणापुंज माने वाली श्रीमती श्रीवास्तव की विशेषज्ञता-उपन्यास और कहानी लेखन के बारीक सूत्रों को नवांकुरों को समझाना हैl देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-“मेरा लेखन हिंदी के प्रति समर्पित है,और मेरा जीवन देश के प्रति। हिंदी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमाराl”