भोपाल (मप्र)।
एक अच्छा समीक्षक पुस्तक और पाठक के मध्य सेतु का कार्य करता है। वर्तमान ऑन-लाइन स्क्रीन के समय में जब पाठक पुस्तकों से निरंतर दूर हो रहे हों, तो मुद्रित पुस्तकों से पाठको को जोड़ने के लिए पुस्तकों पर चर्चा और विमर्श के आयोजन किए जाना बहुत ज़रूरी हैं।’
साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश (मप्र शासन, भोपाल) के निदेशक डॉ. विकास दवे ने यह उदगार लघुकथा शोध केंद्र समिति द्वारा १ जनवरी से १६ जनवरी २०२५ तक आयोजित किए जाने वाले पुस्तक पख़वाड़े का शुभंकर जारी करते हुए व्यक्त किए।
समिति के सचिव घनश्याम मैथिल ‘अमृत’ के अनुसार इस आयोजन में देशभर के साहित्यकारों की विविध विधाओं की लगभग ४८ पुस्तकों पर सुविज्ञ समीक्षक चर्चा में भाग लेंगे, और पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करेंगे। इस अवसर पर समिति की निदेशक कांता रॉय, गोकुल सोनी, कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना, मधुलिका सक्सेना, शेफालिका श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।