वीना सक्सेना
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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“कौन है ?*
‘पोस्टमैन ..’ दरवाजे से आवाज आई। सुमन जी ने दरवाजा खोल के देखा,सामने पोस्टमैन खड़ा था …
“क्या है भैया …”
“चालान है,आपकी गाड़ी गांधी चौराहे से रेड सिगनल में घुस गई थी…. ”
“सिग्नल तोड़ने की बड़ी चिंता करती है ट्रैफिक पुलिस .. ट्रैफिक नहीं संभालेंगे जो सड़कों पर बिखरा पड़ा रहता है ..बस गाड़ियों का चालान बनाओ, लगता है कोई त्यौहार आ गया है ….” बड़बड़ाती हुई सुमन जी पोस्टमैन के पास आई। देखा चालान था पोस्टमैन से कहा-“लिख दो घर पर ताला है…”
पोस्टमैन ने लिख दिया …”और सुनो, मैं तुम्हें बख्शीश देती हूं …” कहती हुई वह अंदर आई और ये सोचकर कि पांच सौ का चालान है, पोस्टमैन को सौ रु. देकर जान छुड़ाती हूँ।”
बाहर आई तो देखा पोस्टमैन जा चुका था ।
और एक सबक देकर, तीसरी गलती करने से बचा गया और अच्छी तरह से शर्मिंदा भी कर गया था ।
परिचय : श्रीमती वीना सक्सेना की पहचान इंदौर से मध्यप्रदेश तक में लेखिका और समाजसेविका की है।जन्मतिथि-२३ अक्टूबर एवं जन्म स्थान-सिकंदराराऊ (उत्तरप्रदेश)है। वर्तमान में इंदौर में ही रहती हैं। आप प्रदेश के अलावा अन्य प्रान्तों में भी २० से अधिक वर्ष से समाजसेवा में सक्रिय हैं। मन के भावों को कलम से अभिव्यक्ति देने में माहिर श्रीमती सक्सेना को कैदी महिलाओं औऱ फुटपाथी बच्चों को संस्कार शिक्षा देने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। आपने कई पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया है।आपकी रचनाएं अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुक़ी हैं। आप अच्छी साहित्यकार के साथ ही विश्वविद्यालय स्तर पर टेनिस टूर्नामेंट में चैम्पियन भी रही हैं। `कायस्थ गौरव` और `कायस्थ प्रतिभा` सम्मान से विशेष रूप से अंलकृत श्रीमती सक्सेना के कार्यक्रम आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर भी प्रसारित हुए हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं में अनेक लेख प्रकाशित हो चुके हैंl आपका कार्यक्षेत्र-समाजसेवा है तथा सामजिक गतिविधि के तहत महिला समाज की कई इकाइयों में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैंl उत्कृष्ट मंच संचालक होने के साथ ही बीएसएनएल, महिला उत्पीड़न समिति की सदस्य भी हैंl आपकी लेखन विधा खास तौर से लघुकथा हैl आपकी लेखनी का उद्देश्य-मन के भावों को अभिव्यक्ति देना हैl