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बदला इतिहास

अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘अटल’ जिंदगी…

रहे अटल,
स्वार्थ परे जीवन-
नम्र अटल।

काम भलाई,
बदला इतिहास-
प्रसिद्धि पाई।

हृदय कवि,
बढ़ाया सदा मान-
मूरत रवि।

कड़े फैसले,
था सर्वप्रिय देश-
सत्य पे चले।

महल-ताज,
राजनीति में कुंदन-
बुलाता आज।

रखी दृढ़ता,
पोखरण से मान-
देखी क्षमता।

चाही एकता,
था शौर्य कारगिल-
थी सहजता।

स्वर्ण अटल,
रहे त्याग प्रतीक-
नभ अटल।

ले साथ सभी,
गठ-बंधन सत्ता-
ना झुके कभी।

उच्च चिंतन,
थे उतार-चढ़ाव-
करें नमन।

धरा नायक,
जन-मन प्रेमी था-
काव्य गायक।

सौहार्द्र चाहा,
हुआ नभ विलीन-
राष्ट्र निभाया।

वाणी के धनी,
गढ़ा हर भविष्य-
कलम चली।

रत्न अटल,
था बिहारी सपूत-
रहा अटल।

रहे संस्कार –
चले अटल पथ-
पाया दुलार॥

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