संजय जैन
मुम्बई(महाराष्ट्र)
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२ अक्टूबर का दिन,कितना महान है,
क्योंकि जन्मे इस दिन दो भारत माँ के लाल है।
सोच अलग थी दोनों की,
पर थे समर्पित भारत के लिए
इसलिए दिनों को हम लोग याद करते हैं,
और दोनों के प्रति,
श्रध्दा सुमन अर्पित करते हैं
और उन्हें दिल से आज याद करते हैं।
सत्य-अहिंसा के बल पर,
हमें दिलाई आज़दी
और सत्यग्रह करके,
मजबूर कर दिया अंग्रेजों को
और उन्हें छोड़ना पड़ा भारत देश को,
और मिल गई हमें आजादी,
सत्य अहिंसा के पथ पर चलकर।
याद करो उन छोटे कद वाले इंसान को,
जो सोच बहुत बड़ी रखते थे
और हर कार्य भारत के हित में करते थे,
तभी तो उन्होंने नारा दिया था,
‘जय जवान जय किसान’
ये ही है भारत की आन-मान और शान।
दोनों के प्रति आदर भाव रखते हुए,
हम उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित करते हैं
कि ऐसे लालों को आपने,
जन्म दिया हिंदुस्तान में।
भारत माँ को प्रणाम करते हैं,
जिससे बढ़ा अपने देश का मान॥
परिचय– संजय जैन बीना (जिला सागर, मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं। वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। आपकी जन्म तारीख १९ नवम्बर १९६५ और जन्मस्थल भी बीना ही है। करीब २५ साल से बम्बई में निजी संस्थान में व्यवसायिक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। आपकी शिक्षा वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ ही निर्यात प्रबंधन की भी शैक्षणिक योग्यता है। संजय जैन को बचपन से ही लिखना-पढ़ने का बहुत शौक था,इसलिए लेखन में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। अपनी लेखनी का कमाल कई मंचों पर भी दिखाने के करण कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इनको सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के एक प्रसिद्ध अखबार में ब्लॉग भी लिखते हैं। लिखने के शौक के कारण आप सामाजिक गतिविधियों और संस्थाओं में भी हमेशा सक्रिय हैं। लिखने का उद्देश्य मन का शौक और हिंदी को प्रचारित करना है।