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माँ भगवती को नमन

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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नवरात्र विशेष…..

माँ भगवती को नमन,
वन्दन व अभिनन्दन
माँ का श्रंगार है सर्वोपरि,
इस कारण है दिखती बड़ी
शक्ति की अवतार है माँ,
तीनों लोकों को स्वीकार है माँ।

सृष्टि की पालनकर्ता,
पापियों का करती संहार
यह भवतारिणी,भावभामिनी,
व भावहारिणी की है अवतार।

भक्तों की कष्टों व संकटों की है,
हम-सबकी छाया
नौ दिवसों में मिलता है,
यह सुन्दर साया।

वरदायिनी व सुखदायिनी,
हैं सब इसके अलग-अलग रूप
मनोरथ सिद्ध करती जैसे,
उज्जवल दिखता वृहद स्वरूप।

एक पुरानी किंवदंती है,
देती प्रमाण
अश्वमेध यज्ञ से भी है,
ज्यादा है इसके उच्च परिणाम।

शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी,
चंद्रघंटा,कुष्मांडा
श्री स्कन्द माता,श्री कात्यायनी,
कालरात्रि,श्री महागौरी
व श्री सिद्ध रात्रि है सब,
इस देवी के भिन्न-भिन्न नाम।

दसवां दिन हम सनातनी सब,
मिलजुलकर मनाते हैं
यह स्वर्णिम उत्सव,
देते हैं इसे दशहरा पर्व कहकर,
एक पवित्र नाम।

असत्य पर सत्य की विजय,
का है यह सुन्दर पावन त्योहार
बुराई पर अच्छाई का,
इस दौरान खूब दिखता
जैसे पृथ्वी पर एक,
उत्कृष्ट कल्याणकारी देवी
का भव्य अवतार।

यह महात्म्य बतलाती है,
माँ के मैके में आगमन जो
बना देती है इस क्षण को,
एक आनंदमयी त्योहार।

नवमी को माँ भगवती विदा,
होती जैसी पुत्री की विदाई हो
जो है हम-सबके घर-घर में,
प्रचलित एक पुरानी रीति व
बेटियों के मायके आने-जाने के,
सन्दर्भ में दिखने वाली एक
उन्नत संस्कृति के संस्कार।

यह माँ भगवती की काली भी,
बन पृथ्वी लोक पर आकर
दिखने वाला एक वृहदेश्वर चमत्कार,
नवरात्र के नवरात्रि के
पावन पवित्र दिनों में,
रहती है माँ के पास रहती है
श्रद्धा खूब व अपार।

शक्ति जिससे माँ करती है,
भक्तजनों पर यह करती,वितरित
यह दिल से वितरित,
अपने ममतामयी प्यार का,
बहुत खूब इजहार॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा और बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचनाकर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र,हिंदी,इतिहास, लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एल.एल.बी., एल.एल.एम.,एम.बी.ए.,सी.ए.आई.आई.बी. व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता,रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह)आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर,चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानियाँ(पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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