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माता शक्ति-भक्ति

डॉ.एन.के. सेठी
बांदीकुई (राजस्थान)

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माता के नौ रंग (नवरात्रि विशेष)….

माता शक्ति उपासना, होते हैं नवरात।
मात भवानी-भक्ति में, करते हैं जगरात॥

मंदिर देवी के सजे, लगे नए पांडाल।
मन में श्रद्धा भाव है, हाथों पूजा थाल॥

माता के नवरात्र में, जो करता है जाप।
माता के आशीष से, मिटते उसके पाप॥

होती है नवरात में, माँ की कृपा अशेष।
माता दयालु है बड़ी, सभी मिटाती क्लेश॥

माँ शक्ति और भक्ति है, करती है उद्धार।
करता है नवरात्र जो, उसका बेड़ा पार॥

माता है ममतामयी, करती है उपकार।
माता की नवरात में, होती जय जयकार॥

मात भवानी की कृपा, सभी करो नवरात।
ऊर्जा का अर्जन करो, कर लो तुम जगरात॥

भक्तों पर करती कृपा, असुरों का संहार।
माता अपनी शक्ति से, करती बेड़ा पार॥

दुष्टनाशिनी शारदे, कुण्डवासिनी मात।
भगवती मोक्षदायिनी, करो पाप का घात॥

बुद्धिदा सिद्धिदा उमा, चामुंडा हे गौर।
सिवा आपके सृष्टि में, मिले न कोई ठौर॥

माता के नवरात्र में, ध्यान करो हर रूप।
माता बड़ी विचित्र है, हर इक रूप सुरूप॥

परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा) डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ जुलाई को बड़ियाल कलां,जिला दौसा (राजस्थान) में जन्मे नवल सेठी की शैक्षिक योग्यता एम.ए.(संस्कृत,हिंदी),एम.फिल.,पीएच-डी.,साहित्याचार्य, शिक्षा शास्त्री और बीजेएमसी है। शोध निदेशक डॉ.सेठी लगभग ५० राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं,तो कई शोध पत्रों का अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। पाठ्यक्रमों पर आधारित लगभग १५ से अधिक पुस्तक प्रकाशित हैं। आपकी कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाले राजस्थानवासी डॉ. सेठी सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव रखे हुए हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत तथा आलेख है। आपकी विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र का वाचन है। लेखनी का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है। मुंशी प्रेमचंद इनके पसंदीदा हिन्दी लेखक हैं तो प्रेरणा पुंज-स्वामी विवेकानंद जी हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
‘गर्व हमें है अपने ऊपर,
हम हिन्द के वासी हैं।
जाति धर्म चाहे कोई हो,
हम सब हिंदी भाषी हैं॥’

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