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मुस्कान है श्रृंगार

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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यह चेहरे का श्रृंगार है,
लोकप्रियता का आधार है।
नम्र शब्द,नई दृष्टि संग,
नेकदिल मुस्कान,
एक सुन्दर उपहार है।
यह उपक्रम लोगों को,
लगता जैसे मिला यहां,
एक उत्तम उपहार है।
बनावटी हँसी से हमें,
हरपल परहेज़ हों।
कभी-कभी भी नहीं,
इसका प्रयोग हो।
मुस्कान का रूप मुस्कुराहट,
खूब खुशियाँ देती है।
प्रेम,प्यार,उत्तम व सगुण,
सन्देश देती है।
मुस्कान से हम सर्वत्र,
स्वच्छ वातावरण बनाते हैं।
कठोर से कठोर लोग भी,
इसके प्यार में फंस जाते हैं।
जिंदगी की यह एक सुन्दर,
पवित्र तस्वीर है।
खुशियां बटोरने की यह एक,
सम्बल बड़ी लकीर है॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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