सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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रामनवमी (६ अप्रैल) विशेष…
अवतरण से प्रभु के अवध में,
मच गया जब शोर था
माता कौशल्या ने लिया जब,
श्री राम को निज गोद था।
प्रभु ने दिखाया रूप अद्भुत,
ब्रह्माण्ड सकल समेट कर
माता हुईं विस्मित तभी,
बोली मधुर कर जोड़कर।
हे तात! अपना रूप यह,
अब छोड़िए शिशु रूप हो
लीला सकल वह कीजिए,
शिशु रूप के अनुरूप हो।
हँस कर प्रभु ने ले लिया फिर,
रूप शिशु रोदन किया।
माता कौशल्या ने मुदित मन,
राम का चुम्बन लिया॥