गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’
बीकानेर(राजस्थान)
***********************************************
७५ बरस की आजादी का अमृत और हम सपर्धा विशेष….
१५ अगस्त २०२२ को देश की आजादी के ७५ साल पूरे होने जा रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आजादी का अमृत महोत्सव देश में मनाया जा रहा है। इस महोत्सव के ५ सूत्र हैं-आजादी का अमृत महोत्सव यानी आजादी की ऊर्जा का अमृत, स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत, नए विचारों का अमृत,नए संकल्पों का अमृत और आत्मनिर्भरता का अमृत।
जहाँ तक आजादी की ऊर्जा का अमृत वाली बात है,तो उसका अनुभव तो अपने छुटपन से ही है,यानि जब हम विद्यालय में पढ़ते थे,तब २३ जनवरी को कलकत्ता की हर गली में सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पूरे सम्मान,आदर,उमंग और उत्साह से मनाते थे। उसी क्रम में विद्यालय में गणतंत्र हो या स्वतन्त्रता दिवस पर राष्ट्र ध्वज फहराने वाले कार्यक्रम पश्चात सीधे रेड रोड की तरफ परेड अवलोकनार्थ भाग जाते थे,ताकि समय पर पहुँच ठीक से परेड देख पाएं। आज भी हम अपने मोहल्ले के समीप पार्क के अलावा नजदीकी विद्यालय में झंडोतोलन पर हाजिर हो सभी को प्रोत्साहित करने में हमेशा आगे रहते हैं,साथ ही उम्र के कारण हम तो परेड देखने नहीं जाते हैं परन्तु बाकी सभी को परेड देख आने के लिए प्रेरित अवश्य करते ही नहीं हैं,बल्कि छोटे-छोटे समूह बना भेज देने का बंदोबस्त भी कर देते हैं।
जब स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत वाली बात है,तो उसकी हमें अपने छुटपन से ही आदत है। यानि हम अपने बचपन के दिनों से ही मोहल्ले में राष्ट्र ध्वज फहराने वाले कार्यक्रम में न केवल भाग लेते, बल्कि हर साल पहले से निश्चित एक स्वतंत्रता सेनानी पर चर्चा वाले आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान देते रहे हैं। इस तरह का आयोजन बड़े,बुजुर्ग व विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों के मार्गदर्शन में होता था। उसमें उन स्वतंत्रता सेनानी के विषय में बहुत कुछ जानने को मिलता था। मैं भी हमेशा पूरी तैयारी के साथ उस परिचर्चा में अपनी हिस्सेदारी निभाता था। इस तरह आज भी राष्ट्रवाद के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।
नए विचारों का अमृत वाले तथ्य पर मेरा ऐसा मानना है कि हम अवकाश प्राप्त लोगों का दायित्व है कि युवाओं को हम शिक्षित करें। यहाँ शिक्षित का मतलब उन्हें पढ़ाने- लिखाने से नहीं है,बल्कि सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं की पूरी-पूरी सही जानकारी से अवगत कराने से है,ताकि वे २१वीं सदी की प्रौद्योगिकी संचालित व्यवस्थाओं पर आधारित बुनियादी ढांचे का भरपूर लाभ उठा कर अपने नए विचारों के अनुरूप सरकार की योजनाओं का लाभ लें और समाज व देश की प्रगति में अपना योगदान दें।
इसी तरह नए संकल्पों का अमृत वाले तथ्य पर हमारा दायित्व बनता है कि हम आतंकवाद और राजनीतिक तुष्टिकरण पर जो लोग हमारे संविधान का गलत लाभ उठाते हुए हमारी प्राचीन मान्यताओं और संस्कृति पर चोट पर चोट किए जा रहे हैं, आतंकवाद को राजनीतिक संरक्षण दिए जा रहे हैं,उन सभी की मानसिकता को उजागर करते रहने के साथ साथ प्रजातांत्रिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए अपनी सकारात्मक भूमिका अदा करते रहें। हम अपने से छोटों को हमेशा यह समझाते रहें कि ऐसा कोई भी काम नहीं करना है,जिसके चलते देश की छवि जरा-सी भी धूमिल हो।
हमारी सरकार विश्व स्तरीय खिलाड़ी तैयार करने के लिए पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से संगठित एवं संचालित योजनाएं एवं कार्यक्रम बनाकर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रही है। इस तरह न केवल खिलाड़ी बल्कि अन्य लोग भी जो खेलों से जुड़े है,वे अपना अपना योगदान देश को गौरवान्वित करने में दे रहे हैं। हममें से जिनकी रुचि खेलों में है,वे खेलों को माध्यम बना देश को गौरवान्वित करने में अपना योगदान दे सकते हैं। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इसी तरह के दृढ़ संकल्प की जरूरत है।
हमारा देश आबादी के हिसाब से विश्व में दूसरा स्थान रखता है,इसलिए आत्मनिर्भर भारत के लिए यह आबादी हमारी ऊर्जा का स्रोत है। यह आवश्यक है हमारी मांग एवं आपूर्ति श्रृंखला की ताकत का उपयोग पूरी क्षमता से किया जाना चाहिए,यानि हमारे द्वारा उत्पादित सभी वस्तुओं की मांग बढ़ाने के साथ-साथ इसे पूरा करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला के सभी हितधारकों के बीच सामंजस्य को मजबूत बनाए रखना सरकार के साथ हम सभी की जिम्मेदारी है।
आत्मनिर्भरता का अमृत वाले तथ्य पर भी हमारा दायित्व बनता है कि,सरकार ने बेरोजगारी दूर करने यानि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो जो योजनाएं चालू की हैं,उनकी सही जानकारी सभी तक न केवल पहुँचाएं,बल्कि उनका लाभ उठाने के लिए प्रेरित भी करें।
सर्वविदित है कि विश्व की उभरती आर्थिक ताकत के रूप में हमारा देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। मतलब कि भारत में विदेशी पूंजी निवेश बढ़ रहा है,देश अधोसंरचना और सेवा-सुविधाओं के मामले में आगे बढ़ रहा है। यह सब नागरिकों द्वारा चुकाए जाने वाले कर से ही तो सम्भव हो रहा है। इसलिए जैसा हम हमेशा सुनते हैं कि हमारे यहाँ बेशुमार कालाधन है तो उस ओर भी हम सभी को सजग रहना है और ऐसे घूसखोर लोगों का पर्दाफाश करते रहना है।
ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जहाँ हमें अपनी सकारात्मक भूमिका,स्वयं की सुविधा,समय का ध्यान रख निभाने का पूरा पूरा प्रयत्न करते रहना है,ताकि हम देश को सच्चे अर्थों में एक महान देश बनाने में अपना ज्यादा से ज्यादा योगदान दें सकें।
याद रखें,सच्चे नागरिक को अपने देश से ही नहीं बल्कि उससे जुड़ी हर वस्तु से प्यार होता है और उसके प्रति समर्पित भाव होता है। हमें भी अपनी मातृभूमि के लिए कुछ भी कर गुजरने की तमन्ना रखनी चाहिए,क्योंकि अच्छे,ईमानदार व कर्मठ नागरिक ही देश को शक्ति संपन्न,समृद्ध व संगठित बनाते हैं। एक आदर्श नागरिक स्वेच्छा से अनुशासन का पालन ही नहीं करता है,बल्कि वह देश के कायदों व कानूनों का पूरी पूरी निष्ठा से निर्वहन भी करता है। हमें बिना स्वार्थी हुए राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को समझना चाहिए,क्योंकि यह हम नहीं,अन्य लोग हैं, जो पीड़ित और लाभार्थी दोनों हैं ।
याद रखें,भारत जब आत्मनिर्भर बनेगा तभी विश्व को नई दिशा दिखा पाएगा। इसलिए,हम सब दृढ़ संकल्पित होकर इस राष्ट्र यज्ञ में अपनी अपनी भूमिका निभाने का भरपूर प्रयास करें।