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संघर्ष ही सत्य

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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ज़िन्दगी उलझनों से भरपूर,
संसार है
हरपल यहां संघर्ष का,
दिखता बड़ा बाजार है।

सफलता के लिए,
संघर्ष का साथ पुराना है
सफलता का इतिहास,
संघर्ष के सफ़र को,
सफलता की सही,
राह सबने माना है।

संघर्ष है तभी यह,
सम्पूर्ण जीवन है
संघर्ष के बिना नहीं मिलता,
कभी संजीवन है।

संघर्ष कठिनाइयों को,
मजबूती से जीत कर
दृढ़ता से आगे बढ़ना,
हमें सिखाता है
संघर्षरत जीवन ही,
मजबूती से उन्नयन की
राह प्रशस्त करता है।

संघर्ष एक सत्य है जो,
बड़ी ही शिद्दत से हरपल
महसूस किया जाता है,
मुसीबतों के पहाड़ से
हरपल रूबरू होने की,
सीख दे जाता है।

जीवन अनिश्चिताओं का,
जीता-जागता सफ़र है
मुसीबतों को सम्हालने के लिए,
जिंदगी की गति को आगे बढ़ाने में
जरूरी है,मजबूत पकड़ है।

संघर्ष पथ पर आगे बढ़ते,
चलते जाना ही सफलता की
अनन्त आवाज होगी,
संघर्षरत यात्रा ही जीवन में,
सफल होने की सही तस्वीर व,
मजबूत आगाज़ देगी।

संघर्ष मनुष्य को धैर्यवान व,
सम्पूर्ण भाव से पूर्ण
श्रेष्ठ मानव बनाता है,
मुसीबतों में फौलाद-सा मजबूत
शीर्ष पर पहुंचने योग्य बनाता है।

संघर्ष मनुष्य को जिंदगी के,
सफ़र में टूटने से बचाता है।
प्रगति पथ पर आगे बढ़ने के लिए,
सही-सही राह बनाता है॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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