सरोज प्रजापति ‘सरोज’
मंडी (हिमाचल प्रदेश)
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आई परीक्षा पर चर्चा,
चर्चा में परीक्षा वक़्त
आएगी जब परीक्षा पर्चा,
होने न देना अपनी चर्चा।
साहस कभी तुम खोना न,
किस्मत कोस रोना ना
साधे चिंतन से चिंता को,
उदयम से पा लक्ष्य को।
सुबह का पथिक-पथ विस्मृत,
लौटा क्यों कहे विस्मृत!
जीवन में परीक्षा चक्र,
प्रश्न-पत्र जीवन का वक्र।
नित्य अध्ययन रखो तुम बच्चों,
वीर सब मन के सच्चे
बे-गैरत प्रमाद त्यागो,
नींद आराम त्यागो।
समय सारिणी बनाएं,
अपना वक्त न गंवाएं
सभी विषयों पर दें ध्यान,
कम ना कोई दें ध्यान।
मोदी जी के सशक्त वचन,
शब्द-शब्द रखना ध्यान
कठिन विषय, उससे भिड़ना
जो कठिन हो, उससे डटना।
भारत माँ के तुम सपूत,
बनना न कभी कपूत
अर्जुन-सा निशाना होगा,
लक्ष्य चक्षु-छेदन होगा।
लड़का-लड़की एक समान,
अधिकार-कर्तव्य समान।
मेहनत सभी करना तुम,
एक समान बढ़ना तुम॥
परिचय-सरोज कुमारी लेखन संसार में सरोज प्रजापति ‘सरोज’ नाम से जानी जाती हैं। २० सितम्बर (१९८०) को हिमाचल प्रदेश में जन्मीं और वर्तमान में स्थाई निवास जिला मण्डी (हिमाचल प्रदेश) है। इनको हिन्दी भाषा का ज्ञान है। लेखन विधा-पद्य-गद्य है। परास्नातक तक शिक्षित व नौकरी करती हैं। ‘सरोज’ के पसंदीदा हिन्दी लेखक- मैथिली शरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और महादेवी वर्मा हैं। जीवन लक्ष्य-लेखन ही है।