आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’
शेखपुरा(बिहार)
*********************************************
हम भारत माँ के बच्चे हैं,हम डरना झुकना ना जानें,
ये पूरी धरती अपनी है,हम तो बस इतना जानें।
कोई खून बहाए हमको क्या ? कोई आँख दिखाए हमको क्या ?
हम प्रेम फैलाने आए हैं,हम प्रेम लुटाना ही जानें।
देश की आन पर कोई जो,आए बाधा स्वीकार नहीं,
हम प्रेम पुजारी हैं तो क्या,हम शीश चढ़ाना भी जानें।
गांधी जैसे धीर भी हैं,और वीर सुभाष-सा वीर भी है,
चरखा चलाना भी जानें,और बंदूक उठाना भी जानें।
हम राम के आदर्श वाले हैं,कान्हा के कपट निराले हैं,
रामायण मर्म को जानें,गीता के सच्चे कर्म को जानें।
देश पर कोई संकट हो तो,आजाद-भगत हम बन जाएं,
हम इंकलाब के नारों को,जन गीत बनाना भी जानें।
भारत माँ के चरणों में जो,जयमाल सदा सुशोभित होगी,
अपने-अपने सिर को भी,जय पुष्प बनाना हम जानें।
देश के हित में हम अकेले,अपना सर्वस्व समर्पण कर देंगें,
अपना तन-मन-धन-जीवन को,अर्पण करना भी जानें।
अब फिर से जग देखेगा,आजाद हिंदुस्तानी विश्वास नया,
जो लिखा महारणवीरों ने ख़ूँ से,वो इतिहास दोहराना हम जानें॥