बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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जाग उठो ऐ वीर जवानों,
हिंदुस्तान हमारा है।
सबक सिखा दो अरि को रण में,
जिसने भी ललकारा है॥
आँख नोंच लेना तुम उनकी,
जो भी आँख लड़ाते हो।
हाथ तोड़ कर रख देना तुम,
जो भी हाथ बढ़ाते हो॥
राम-रहीम खुदा की धरती,
हमने आज सँवारा है।
जाग उठो ऐ वीर जवानों,…
अपनी शक्ति दिखा दो उनको,
नहीं किसी से हम भी कम।
जां भी जाए युद्ध भूमि में,
नहीं फिक्र चिंता अरु ग़म॥
नहीं डरेंगे नहीं झुकेंगे,
यही हिन्द का नारा है।
जाग उठो ऐ वीर जवानों,…
अमन-चैन को छीन न पाए,
दुश्मन से हम लड़ जाये।
सीमा पर हो निडर हमेशा,
शान तिरंगा लहराये॥
आज हिमालय की चोटी से,
हमने वतन निहारा है।
जाग उठो ऐ वीर जवानों,…॥