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होली अनुराग

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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जीवन और रंग..

जन-जन में दिखा अनुराग,
आसमान में छाया गुलाल
अंग-अंग मेरा रंग गया,
हो गया मैं तो मालामाल।

ले हृदय में भाव प्रिय के,
हाथों से रंग दिया उछाल
उठने लगी विनोद तरंगें,
हुआ सारा धरातल लाल।

इशारों-इशारों में दिल मिले,
गर्व से हो गया ऊँचा भाल
टोली के संग नाचन लागे,
सभी गाँव के बाल गोपाल।

गगन मंडल भी लाल हो गया,
आज तो वाकई हो गया कमाल
किसी का दिल दरिया बन गया,
किसी की आँखें हो गई लाल।

होली के इस अवसर पर,
घर-घर में बन रहा है माल।
किसी घर में चावल बूरा,
तो किसी के घर में बाटी-दाल॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।

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