संजय जैन ‘बीना’
मुंबई(महाराष्ट्र)
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शिव हैं सबके कर्ता-धर्ता,
शिव ही है भक्तों के वरदानकर्ता
तभी तो पाते सुख शांति हम सब,
शिव के बिना जग है सूना-सूना
इसलिए हर कोई कहता,
सुबह शाम ॐ नम: शिवाय।
जो रखते हैं महाशिवरात्रि का व्रत,
और करते शिवजी की पूजा
तो हो जाती उनकी सारी इच्छाएं पूरी,
शिव जैसा दयालु जग में नहीं है दूजा
इसलिए पूजे जाते विश्व के घर-घर में।
यदि शिव के साथ नाम,
न लिया जाए माँ पार्वती का
तो महाशिवरात्रि का अर्थ है अधूरा,
भक्तों की सिफारिशकर्ता
सदा ही माँ पार्वती होती है।
इसलिए सबसे ज्यादा नारीयाँ,
पूजे शिव-पार्वती को ही॥
परिचय– संजय जैन बीना (जिला सागर, मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं। वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। आपकी जन्म तारीख १९ नवम्बर १९६५ और जन्मस्थल भी बीना ही है। करीब २५ साल से बम्बई में निजी संस्थान में व्यवसायिक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। आपकी शिक्षा वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ ही निर्यात प्रबंधन की भी शैक्षणिक योग्यता है। संजय जैन को बचपन से ही लिखना-पढ़ने का बहुत शौक था,इसलिए लेखन में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। अपनी लेखनी का कमाल कई मंचों पर भी दिखाने के करण कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इनको सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के एक प्रसिद्ध अखबार में ब्लॉग भी लिखते हैं। लिखने के शौक के कारण आप सामाजिक गतिविधियों और संस्थाओं में भी हमेशा सक्रिय हैं। लिखने का उद्देश्य मन का शौक और हिंदी को प्रचारित करना है।