अनिल कसेर ‘उजाला’
राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)
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हिंदी दिवस स्पर्धा विशेष………………..
हिंदी हिंदी सुन्दर हिंदी,
सूझ-बूझ नई क्रांति हिंदी।
ज्ञान हिंदी मान हिंदी,
बन गई पहचान हिंदी।
गंगा-सी पावन हिंदी,
साहित्य की जान हिंदी।
प्यासे की तृप्ति हिंदी,
पूजा की थाल हिंदी।
भक्तों की भगवान हिंदी,
अनेकता में एकता हिंदी।
मधु-सी मिठास हिंदी,
मीरा का प्यार हिंदी।
रसखान की खान हिंदी,
सूरज-सा प्रकाश हिंदी।
चंद्रमा-सी शीतल हिंदी,
राष्ट्र की भाषा हिंदी।
जीवन की परिभाषा हिंदी,
कोयल-सी मधुर तान हिंदी।
वृक्ष की ठंडी छांव हिंदी,
मन के कोमल भाव हिंदी।
तम मिटा उजाला फैलाये हिंदी,
तब मिले खुशियों की मुस्कान हिंदी।
हो गई सबका अभिमान हिंदी॥
परिचय –अनिल कसेर का निवास छतीसगढ़ के जिला-राजनांदगांव में है। आपका साहित्यिक उपनाम-उजाला है। १० सितम्बर १९७३ को डोंगरगांव (राजनांदगांव)में जन्मे श्री कसेर को हिन्दी,अंग्रेजी और उर्दू भाषा आती है। शिक्षा एम.ए.(हिन्दी)तथा पीजीडीसीए है। कार्यक्षेत्र-स्वयं का व्यवसाय है। इनकी लेखन विधा-कविता,लघुकथा,गीत और ग़ज़ल है। कुछ रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-सच्चाई को उजागर करके कठिनाइयों से लड़ना और हिम्मत देने की कोशिश है। प्रेरणापुंज-देशप्रेम व परिवार है। सबके लिए संदेश-जो भी लिखें,सच्चाई लिखें। श्री कसेर की विशेषज्ञता-बोलचाल की भाषा व सरल हिन्दी में लिखना है।