प्रिया देवांगन ‘प्रियू’
पंडरिया (छत्तीसगढ़)
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जीवन कटुता त्याग दो,है सबके संस्कार।
बढ़े कदम आगे सदा,होगी कभी न हार॥
अपनाओ संस्कार को,यही एक पहचान।
समता रखना साथ में,बनो नेक इंसान॥
मात-पिता के सामने,जोड़े रखना हाथ।
भूल-चूक को माफ कर,देते हरपल साथ॥
सदा सत्य वाणी रहे,देना सबको मान।
संस्कारों में जो रहे,जीवन हो आसान॥
बदले उसके भाग्य को,जिसके हो व्यवहार।
संस्कारों में जो पले,होती नैया पार॥