आज अनबन क्या हुई घर बार से,
लोग आ कर लग गए दीवार से।
कौन जिम्मेवार है इस जुर्म का,
राज साया हो गए अखबार से।
गाँव में अब क्या बचा है गाँव-सा,
ला रहे हैं ढूध हम बाजार से।
योजनायें क्या हुई सरकार की,
पूछियेगा जा के लंबरदार से।
चल रही है गाँव में सरपंच की,
किस तरह मुक्ति मिले बेगार सेll
परिचय : दौलतराम प्रजापति का उपनाम ‘दौलत’ तथा जन्म तारीख ४ मार्च १९७५ है। एम.ए.(हिन्दी साहित्य,राजनीति शास्त्र) तक शिक्षित श्री प्रजापति का निवास-लटेरी(जिला विदिशा,म. प्र.) में सिरोंज मार्ग पर है। आपकी लेखन विधा -गीत,ग़ज़ल,कविता,लेख,लघुकथा और कहानी है। सम्प्रति से आप सहायक अध्यापक(शा.मा.शा.लटेरी)हैं। रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी भोपाल से हो चुका है,तो दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशन स्थान मिला है। अनेक कवि सम्मेलन-मुशायरों में आपकी सहभागिता होती रही है। बात सम्मान की हो तो आपको सरस्वती प्रभा-२०१७ सम्मान मिला है। प्रकाशाधीन में एक ग़ज़ल संग्रह है। आपकी लेखनी का उद्देश्य हिन्दी को और प्रचारित करना है।