चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।
बालकों में बाल साहित्य के पठन-पाठन के प्रति रुचि पैदा करने के साथ शिक्षकों, अभिभावकों, बालसाहित्य रचनाकारों को बाल साहित्य की उपयोगिता समझाने, उन्हें इस बात के लिए प्रेरित करने की ‘बच्चों को पुस्तकों से दोस्ती करना सिखाएं’ के साथ विद्यार्थियों, विद्यालयों, बाल केंद्रों, शोधार्थियों, संस्थाओं को नि:शुल्क बाल साहित्य भेंट करने का साहित्यकार राजकुमार जैन राजन का छोटा-सा प्रयास अनवरत जारी है। अब तक लगभग ११ लाख रुपए से अधिक की बाल साहित्य वाली पुस्तकें निःशुल्क भेंट कर चुके हैं। आपने बताया कि कुछ संस्थाओं को २००, १००, व ५० की संख्या में पुस्तकें भेजी जा रही हैं, साथ ही प्रकाशकों से खरीदने के साथ गोविन्द शर्मा (हवा का इंतज़ाम), मनोहर चमोली मनु (कहानियाँ बालमन की) आदि की पुस्तकें विशेष तौर पर क्रय की गई। यह प्रकल्प अनवरत रहेगा।