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आजादी का अमृत

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड) 
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७५ बरस की आजादी का अमृत और हम सपर्धा विशेष….

आओ देखे रंग आजादी का,
सुंदर सपना जैसे शहजादी का
पाने के लिए हुआ था संघर्ष,
हँस-हँस लोग बलिदान हुए थे सहर्ष।

सपने में था बड़ा ही सुंदर दृश्य,
आनंदपूर्ण शांति प्रेम का भविष्य
आओ आज सब मिल चिंतन करें,
मिली आजादी का गहन मंथन करें।

अगस्त ४७ में गए फिरंगी भाग,
छूट गया माथे से गुलामी का दाग
अब हम सब हो गए हैं स्वतंत्र,
फिर अपना हो गया है गणतंत्र।

स्वतंत्र होते ही लगा था ग्रहण,
मोहन भी ना कर सके वहन
हो गया हमारी एकता का दहन,
दो टुकड़े में बँट गया चमन।

स्वतंत्र भारत की करता मैं बात,
लोकतंत्र की मिली हमें सौगात
गद्दी पर बैठे बहुमत वाले नेता,
खुश हो हँसी अब भारत माता।

चढ़ने लगे हम प्रगति का शिखर,
शिक्षा चिकित्सा हो या व्यापार
अमन शांति हो या फिर हो प्यार,
सबमें दुनिया से आगे खड़ा मैं तैयार।

हमने तैयार हो चाँद को छुआ,
सीमाओं पर डट कर खड़ा हुआ
खेलों में हम विश्व विजेता बन गए,
मानवता के शिखर को हम छू गए।

७५ वर्ष की आजादी का यह अमृत,
हमने पिया सहर्ष और गाया गीत
गाते-गाते हो गया मैं थोड़ा उदास,
जब लोगों में दिखा स्वार्थ की प्यास।

‘राजू’ कहे सब मिलकर गाओ गीत,
बड़ा मधुर है यह आजादी का अमृत
अमृत का हम सबको पान करना है,
देश के लिए जीना और मरना है।

आओ हम सब मिलकर गाएं गीत,
बड़ा मधुर है आजादी का अमृत।
बचाएं हम अमूल्य आजादी को,
बड़ा मधुर है आजादी का अमृत॥

परिचय– साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैL जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैL भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैL साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैL आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैL सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंL लेखन विधा-कविता एवं लेख हैL इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैL पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंL विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।

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