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ईरान का गला घोंटे अमेरिका

डॉ. वेदप्रताप वैदिक
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अमेरिका ने पहले ईरान के तेल बेचने पर प्रतिबंध लगाया और अब उसने उसके लोहे, इस्पात और एल्यूमिनियम के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। ९० दिन के इस प्रतिबंध के बाद ईरान से जो भी देश ये चीजें खरीदेगा,उसके विरुद्ध अमेरिका कुछ न कुछ कार्रवाई जरुर करेगा। दूसरे शब्दों में डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ईरान का गला घोंटने पर उतारु हो गया है। जाहिर है कि ये प्रतिबंध लागू हो गए तो ईरान की लड़खड़ाती हुई अर्थ-व्यवस्था को धराशायी होने से कोई रोक नहीं सकता। अमेरिका के मुकाबले ईरान छोटा और कम ताकतवर देश जरुर है,लेकिन उसकी इच्छा-शक्ति प्रबलतर है। १९७८-७७ के दिनों की खूब याद है,जब ईरान के शाह के खिलाफ आयतुल्लाह खुमैनी का जन-आंदोलन चल रहा था। अपनी आँखों से तेहरान,मशद,कुम, इस्फहान,शीराज आदि शहरों में बहादुर ईरानी लोगों की कुर्बानियां देखी थीं। इन ईरानियों को अमेरिका ब्लैकमेल करने में सफल नहीं होगा। ट्रम्प का कहना है कि,ईरान के साथ २०१५ में जो परमाणु-समझौता (ओबामा के) अमेरिका, फ्रांस,जर्मनी,ब्रिटेन,रुस और चीन ने मिलकर किया था,वह गलत था। उसे नए ढंग से लिखा जाना चाहिए। यदि ईरान ट्रम्प की नई शर्तें स्वीकार नहीं करेगा तो अमेरिका ने उस समझौते को तो नकार ही दिया है,वह ईरान की कमर तोड़कर रख देगा ताकि वह इस समझौते की आड़ में परमाणु-बम न बना सके। ईरान भी कब झुकने वाला है। उसने ताजा घोषणा की है कि यदि यूरोपीय राष्ट्र अमेरिकी प्रतिबंधों को हटवाने में मदद नहीं करेंगे तो वह परमाणु-समझौते में किए गए अपने वायदों में ढील देना शुरु कर देगा। उसका परिणाम यह होगा कि वह यूरेनियम को ३.६७ प्रतिशत की बजाय ९० प्रतिशत तक संशोधित करने लगेगा,जो परमाणु बम बनाने के काम आता है। समझौते के पहले उसके पास १० हजार किलो संशोधित यूरेनियम था,लेकिन अब सिर्फ ३०० किलो कम संशोधित ही है। यह मात्रा भी बढ़ सकती है। ईरान ने यूरोपीय राष्ट्रों से अपील की है कि,यदि के उस समझौते के वे भागीदार हैं तो यह उनका कर्तव्य है कि अमेरिकी दबाव को झेलने में ईरान की मदद करें,वरना ६० दिन बाद ईरान एकतरफा जवाबी कार्रवाई शुरु कर देगा। याने ईरान परमाणु बम भी बना सकता है। इस मामले में भारत और चीन को आगे बढ़कर पहल करनी चाहिए। वरना ईरान और अमेरिका के बीच वैसा ही दंगल हो सकता है,जैसा सद्दाम के एराक और अमेरिका में हुआ था। दक्षिण एशिया के लिए यह नया खतरा पैदा हो सकता है।

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