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उन्हें मेरा ख्याल आता तो होगा

सुबोध कुमार शर्मा 
शेरकोट(उत्तराखण्ड)

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उन्हें मेरा ख्याल आता तो होगाl
मेरे ग़म पर मलाल आता तो होगाl

गहे उनके मुकाबले इत्तफाकन,
कोई मेरा सवाल आता तो होगा।

कमाले जिंदगी उनको है हासिल,
कभी उन पर जवाल आता तो होगा।

गहे सुनकर मेरी पा मालियों को,
मोहब्बत में उबाल आता तो होगा।

कभी उस बेवफा के साजे दिल पर,
खतावरों का हाल आता तो होगा।

तेरे जुल्मो सितम के पीछे-पीछे,
समझ उनका हाल आता तो होगा।

मेरे ख्वाबों की ताबिरों में शायद,
कोई भी अच्छा साल आता तो होगा।

जिन हाथों ने किया है खून नाहक,
तो इन पर रंग लाल आता तो होगा।

गहे लोगों से अक्सर पूछता हूँ,
इधर वह खुश्क साल आता तो होगा।

जबानाने चमन में तस्करा है,
कोई गोल बेमिसाल आता तो होगाl

खतावरों की फरदे जुल्म पर अब,
खतावरों का हाल आता तो होगा।

बहार में जला डाला है गुलशन,
फिजा का भी बवाल आता तो होगाll

परिचय – सुबोध कुमार शर्मा का साहित्यिक उपनाम-सुबोध है। शेरकोट बिजनौर में १ जनवरी १९५४ में जन्मे हैं। वर्तमान और स्थाई निवास शेरकोटी गदरपुर ऊधमसिंह नगर उत्तराखण्ड है। आपकी शिक्षा एम.ए.(हिंदी-अँग्रेजी)है।  महाविद्यालय में बतौर अँग्रेजी प्रवक्ता आपका कार्यक्षेत्र है। आप साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत कुछ साहित्यिक संस्थाओं के संरक्षक हैं,साथ ही काव्य गोष्ठी व कवि सम्मेलन कराते हैं। इनकी  लेखन विधा गीत एवं ग़ज़ल है। आपको काव्य प्रतिभा सम्मान व अन्य मिले हैं। श्री शर्मा के लेखन का उद्देश्य-साहित्यिक अभिरुचि है। आपके लिए प्रेरणा पुंज पूज्य पिताश्री हैं।

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