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कलम की ताकत बेहद महत्वपूर्ण-डॉ. जैन

अ.भा. महिला साहित्य समागम….

इंदौर।

समाज के विकास में भारतीय नारियों की विशिष्ट भूमिका रही है। कलम की ताकत बेहद महत्वपूर्ण है,भले ही वह पुरुष के हाथ में हो या नारी के।
प्रसिद्ध शिक्षाविद् तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,इंदौर की कुलपति डॉ. रेणु जैन ने यह बात प्रसिद्ध साहित्यकार सुभद्रा कुमारी चौहान की स्मृति में अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम के समापन समारोह में कही। यह आयोजन घमासान डॉट कॉम,साहित्य मंच तथा मध्यप्रदेश साहित्य परिषद द्वारा इंदौर के जाल सभागृह में किया गया।कार्यक्रम में देशभर से साहित्यकार शामिल हुए।
समागम में प्रतिवर्ष का अहिल्या शक्ति सम्मान इस वर्ष खंडवा(मप्र)की दर्शना जैन को दिया गया,जो शारीरिक रूप से सक्षम नहीं होने के बावजूद सैकड़ों लघु कथाएं तथा कहानियां लिख चुकी है। इसी तरह भारत कुमार नाहर स्मृति सम्मान अवि शर्मा (बहुआयामी व्यक्तित्व)सहित अंजना सोलंकी को भी यह पुरस्कार डॉ. रेणु जैन तथा संयुक्त कलेक्टर सपना शिवाले सोलंकी ने दिया।
समापन सत्र में बोलते हुए संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सपना शिवाले सोलंकी ने कहा कि,आज समाज का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है,जहां महिलाओं ने उपलब्धि अर्जित नहीं की हो। हमें अपने भारतीय मूल्यों के साथ ही वैश्विक पहचान बनानी है।

सत्र में रखी अपनी बात

इस सत्र में ‘समकालीन साहित्य में मध्यम वर्गीय महिलाओं की भूमिका’ विषय पर ग्वालियर की लेखिका सीमा जैन ने कहा कि,मध्यम वर्ग समाज की समस्याएं साहित्य में बहुत अच्छे से मुखर हुई है। जयपुर की लेखिका लक्ष्मी शर्मा ने कहा कि, मध्य वर्ग समाज में ही अपनी सुरक्षा देखता है, साहित्य में मध्यम वर्ग का बहुत अच्छे से चित्रण होता है। जानी-मानी लेखिका आभा बोधिसत्व ने कहा कि,वैदिक काल में स्त्रियों की दिशा बेहतर थी। आज की भी महत्वपूर्ण बात यह कि स्त्रियां साहित्य सहित हर दिशा-विधा-क्षेत्र में बेहतर करने में लगी हुई हैं।

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