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कुछ फर्ज भी हमारा है

गुरुदीन वर्मा ‘आज़ाद’
बारां (राजस्थान)
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तुमने दिया है जीवन हमें,कुछ फर्ज भी हमारा है।
आँखों में जो भी है ख्वाब,वह सिर्फ तुम्हारा है॥

गौतम,महावीर,राम,कृष्ण,जन्मे हैं तेरी धरती पर,
आजाद,भगतसिंह,बिस्मिल्लाह,कुर्बान हुए तेरी हस्ती पर।
हम भी हों तुझपे कुर्बान,हममें लहू तुम्हारा है,
आँखों में जो भी है ख्वाब,वह सिर्फ तुम्हारा है॥

दी है शरण तुमने दिल से,हर धर्म के इंसान को,
कहते हैं तुमको विश्वगुरु,देखकर तेरे ईमान को।
जलती रही तेरी यह ज्योति,मकसद यह हमारा है,
आँखों में जो भी ख्वाब है,वह सिर्फ तुम्हारा है॥

मुरझायेगा अब यहाँ नहीं,तेरे चमन का फूल कोई,
रोशन होगा अब वह भी यहाँ,बेनूर है घर अगर कोई।
होगा उज्ज्वल सबका नसीब,ऐसा कदम हमारा है,
आँखों में जो भी ख्वाब है,वह सिर्फ तुम्हारा है॥

परिचय- गुरुदीन वर्मा का उपनाम जी आज़ाद है। सरकारी शिक्षक श्री वर्मा राजस्थान के सिरोही जिले में पिण्डवाड़ा स्थित विद्यालय में पदस्थ हैं। स्थाई पता जिला-बारां (राजस्थान) है। आपकी शिक्षा स्नातक(बीए)व प्रशिक्षण (एसटीसी) है।इनकी रूचि शिक्षण,लेखन,संगीत व भ्रमण में है। साहित्यिक गतिविधि में सक्रिय जी आजाद अनेक साहित्य पटल पर ऑनलाइन काव्य पाठ कर चुके हैं तो अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। प्रकाशित पुस्तक ‘मेरी मुहब्बत’ साहित्य खाते में है तो कुछ पुस्तक प्रकाशन में हैं।

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