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कौवे का शुभ संदेश

आशा आजाद`कृति`
कोरबा (छत्तीसगढ़)

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पितृ पक्ष विशेष….

कौवे की शुभ सुन लें बात,देता है सुंदर सौगात।
मूर्ख मनुज कैसा इंसान,पितर पक्ष में बने महान।

ढोंग करे अरु व्यर्थ सम्मान,प्राणयुक्त में रखा न ध्यान।
मीठे पकवानों का भोग,खाएँगे यह पाले रोग॥

कहते कौवा खाओ भोग,प्रेषित करते बहुत वियोग।
प्राणयुक्त में बड़ा रूलाय,मृत होने पर रीत निभाय॥

वृद्धावस्था का जो वक्त,मनुज बन कुछ ऐसे सख्त।
वृद्धाश्रम में देते स्थान,खुद पर करते बड़ा गुमान॥

संपति का निज रखते लोभ,देह त्याग का तनिक न क्षोभ।
द्वेष कपट का हिय में वास,भाई-भाई का करते नास॥

देख रहा मैं मनुज की चाल,वृद्ध भूख से है बेहाल।
परंपरा के चलते साथ,मात-पिता का छोड़ें हाथ॥

काँव-काँव करता मुंडेर,पकवानों का लगा है ढेर।
एक तरफ माता चिल्लाय,काक चखे फिर तुझको जाय॥

मैं बैठा होता हैरान,मनुज धर्म से है अंजान।
व्यर्थ दिखावा छोड़े आज,कर्म सार ही शुभ आगाज॥

मेरी बातें मानें आप,कर्म-धर्म ही शुभे प्रताप।
दीन-हीन के जावें तीर,वृद्धों की कुछ हर लें पीर॥

मैं बोलूँ शुभ मीठे बोल,मात-पिता सबके अनमोल।
शुभम मनुज-सा होवे चित्त,करुणा कभी न होवे रिक्त॥

काला तन तो मेरा होय,श्वेत हृदय को मैं संजोय।
मनुज भाव का मुझको भान,दान भाव से बनें सुजान॥

परिचय–आशा आजाद का जन्म बाल्को (कोरबा,छत्तीसगढ़)में २० अगस्त १९७८ को हुआ है। कोरबा के मानिकपुर में ही निवासरत श्रीमती आजाद को हिंदी,अंग्रेजी व छत्तीसगढ़ी भाषा का ज्ञान है। एम.टेक.(व्यवहारिक भूविज्ञान)तक शिक्षित श्रीमती आजाद का कार्यक्षेत्र-शा.इ. महाविद्यालय (कोरबा) है। सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत आपकी सक्रियता लेखन में है। इनकी लेखन विधा-छंदबद्ध कविताएँ (हिंदी, छत्तीसगढ़ी भाषा)सहित गीत,आलेख,मुक्तक है। आपकी पुस्तक प्रकाशाधीन है,जबकि बहुत-सी रचनाएँ वेब, ब्लॉग और पत्र-पत्रिका में प्रकाशित हुई हैं। आपको छंदबद्ध कविता, आलेख,शोध-पत्र हेतु कई सम्मान-पुरस्कार मिले हैं। ब्लॉग पर लेखन में सक्रिय आशा आजाद की विशेष उपलब्धि-दूरदर्शन, आकाशवाणी,शोध-पत्र हेतु सम्मान पाना है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-जनहित में संदेशप्रद कविताओं का सृजन है,जिससे प्रेरित होकर हृदय भाव परिवर्तन हो और मानुष नेकी की राह पर चलें। पसंदीदा हिन्दी लेखक-रामसिंह दिनकर,कोदूराम दलित जी, तुलसीदास,कबीर दास को मानने वाली आशा आजाद के लिए प्रेरणापुंज-अरुण कुमार निगम (जनकवि कोदूराम दलित जी के सुपुत्र)हैं। श्रीमती आजाद की विशेषज्ञता-छंद और सरल-सहज स्वभाव है। आपका जीवन लक्ष्य-साहित्य सृजन से यदि एक व्यक्ति भी पढ़कर लाभान्वित होता है तो, सृजन सार्थक होगा। देवी-देवताओं और वीरों के लिए बड़े-बड़े विद्वानों ने बहुत कुछ लिख छोड़ा है,जो अनगिनत है। यदि हम वर्तमान (कलयुग)की पीड़ा,जनहित का उद्धार,संदेश का सृजन करें तो निश्चित ही देश एक नवीन युग की ओर जाएगा। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-“हिंदी भाषा से श्रेष्ठ कोई भाषा नहीं है,यह बहुत ही सरलता से मनुष्य के हृदय में अपना स्थान बना लेती है। हिंदी भाषा की मृदुवाणी हृदय में अमृत घोल देती है। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की ओर प्रेम, स्नेह,अपनत्व का भाव स्वतः बना लेती है।”

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