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खुशियों की होली

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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जीवन और रंग…

यह ज़िन्दगी की तरन्नुम है,
खुशियाँ बांटने आती है
पूरानी बातों को गौर करके,
सारी बातें भुला जाने की
खुशबू पहुंचा जाता है।
जीवन शैली को सात्विक,
बनाकर उमंग और उत्साह
भरपूर मात्रा में जाता है,
उत्साहित मन को बुलंदी पर,
पहुंचाने में करीब आता है।

तरह-तरह की मुश्किलें,
जिंदगी को परेशान करती हैं
रंगों के इस समर में सब,
जड़ से खत्म होता दिखता है।

जीवन में खुशियों का रंग,
भरपूर मात्रा में होना चाहिए
खुशहाली लाने में रंग की,
मदद लेते हुए देनी चाहिए।

जीवन में खुशहाली का यह एक,
सुन्दर और स्नेहिल तराना है
नजदीकी रिश्ते को संग लेकर,
प्रेम के सागर में गोते लगाना है।

मोहब्बत नामा पर रंग-बिरंगी,
तस्वीर सब खिंचवाएंगे यहां।
रंगों से सराबोर हो खुशियाँ,
बांटने में सबको लाएंगे यहां।

रंगों से सराबोर दुनिया फीकी न हो,
सद्भाव व संस्कार को जगाया जाए
अपने-पराए के बीच की दूरी खत्म हो,
प्यार की ज्योति यहां जलाई जाए।

आओ हम-सब मिलकर यहां आज़,
रंगों की धार से सबको सराबोर करें।
उत्साहित मन में सुकून और खुशियाँ,
बांटने की आज़ भरपूर कोशिश करें॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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