कुल पृष्ठ दर्शन : 205

You are currently viewing गुरु की महिमा महान

गुरु की महिमा महान

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड) 
******************************************

गुरु जी जीवन का अनमोल मेला है,
बिन गुरु के जीवन बस एक ढेला है
जिसको मिला है पूज्य गुरु का ज्ञान,
जीवन में कभी नहीं वह अकेला है।

जब था बिल्कुल ही छोटा,
दिमाग था मेरा बहुत मोटा
गुरु ही ज्ञान मार्ग दिखाया,
हाथ पकड़ उसमें चलाया।

चलते-चलते जब हम गिरने लगते,
थक-हार कर ही पथ छोड़ने लगते
वही हाथ पकड़ कर हमें उठाए थे,
ज्ञान पथ पर वे पुनः हमें चलाए थे।

सत्य-असत्य का भेद बताने वाले,
मुसीबत में धैर्य रखना सिखाते हैं
संकट काल में भी हमें हँसाने वाले,
शिक्षक ही तो सच्चे गुरु कहलाते हैं।

क्या दूँ गुरु दक्षिणा तौल कर लूँ,
मन ही मन कुछ मैं मोल कर लूँ
गुरुॠण से कभी मुक्त न हो पाएंगे,
चाहे जीवन गुरु नाम लिख जाएँगे।

गुरु की महिमा है महान,
सुनो लगाकर सभी ध्यान।
गुरु से ही होगा कल्याण,
गुरु की महिमा है महान॥

परिचय– साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैL जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैL भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैL साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैL आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैL सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंL लेखन विधा-कविता एवं लेख हैL इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैL पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंL विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।

 

Leave a Reply