अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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सितारों-सी टिमटिमाती जिंदगी,
कभी धूप तो कभी छाँव जिंदगी।
भरोसा तो इक पल का नहीं,
चाहिए पर भर उमर जिंदगी।
अनगिनत सपने हर आँख में,
और हर सपने की मंजिल जिंदगी।
बेखुदी,बेबसी,लाचार हसरतें भी,
हर दिन सुबह जीती;शाम मरती जिंदगी।
बोझ तले दबा है यूँ हर आदमी,
हर ख़्वाहिश का गला घोंटती जिंदगी।
हर ओर जीने-खाने का कड़ा संघर्ष,
खिलते हैं फूल,पलती नहीं जिंदगी।
दु:ख का सूरज डूबता नहीं कभी,
रोज परीक्षा लेती सुख की जिंदगी।
झुकूंगा नहीं,लड़ना है मैंने ठाना,
यकीनन,कभी तो जिताएगी जिंदगी॥