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जीवन एक विद्यालय

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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जीवन के सम्पन्न विद्यालय में,
गुणों की सीख दी जाती है
सम्पूर्णता हरपल यहाँ खेलती,
गुनगुनाती इठलाती फिरती
सदैव सबमें नज़र आती है।

इस विद्यालय में परिश्रम व पुरुषार्थ से,
मनुष्य को मजबूत बनाया जाता है
सही वक्त और काल में,
आवश्यक परीक्षा के उपरांत
फेल और पास की वजह सही रूप में,
उचित समय पर बताया जाता है।

अनुभव, आत्मिक सुख व ज्ञान से,
यह सर्वथा सही रास्ता दिखलाता है
जीवन के अनन्त सफ़र में,
चुन-चुन कर ऊँच-नीच के बीच
उठने वाली तकलीफ़ को,
दूर करने में सबसे आगे आता है।

यहाँ ज्ञान और विज्ञान,
सुन्दर और स्नेहिल स्पर्श से
मन-मन्दिर में प्रसन्नता उत्पन्न करने का,
सम्पूर्ण सौन्दर्य सबको खुश करने में,
भरपूर मदद करता नज़र आता है।
जीवन रूपी विद्यालय हमेशा लोगों को,
सही दिशा में आगे बढ़ने का
सही और सटीक रास्ता बताता है॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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