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‘जीवन और रंग’ पर डॉ. वंदना मिश्रा ‘मोहिनी’ व प्रो. लक्ष्मी यादव ने पाया प्रथम स्थान

इंदौर (मप्र)।

मातृभाषा हिंदी के प्रचार की दृष्टि से हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा निरन्तर स्पर्धा का आयोजन जारी है। इसी क्रम में ६५ वीं स्पर्धा ‘जीवन और रंग’ विषय पर कराई गई। इसमें पद्य वर्ग में डॉ. वंदना मिश्रा ‘मोहिनी’ ने और गद्य वर्ग में प्रो. लक्ष्मी यादव ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
यह जानकारी मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने दी। आपने बताया कि हिंदी साहित्य अकादमी (मप्र) से अभा पुरस्कृत एवं १ राष्ट्रीय कीर्तिमान सहित ८ सम्मान प्राप्त १.५१ करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह पाने वाले इस मंच द्वारा आयोजित उक्त स्पर्धा में निर्णायकजन ने पद्य वर्ग में प्रथम स्थान पर ‘रंग जब इतराते होंगे’ पर डॉ. मिश्रा (मप्र) एवं ‘कौन रंग खेलूं’ हेतु श्रीमती विजय लक्ष्मी विभा (उप्र) को द्वितीय विजेता चुना है। ऐसे ही तीसरे क्रम पर तारा ‘प्रीत’ (राजस्थान) की कविता ‘अबकी होली में’ जीती है।
श्रीमती जैन के अनुसार संयोजक डॉ. सोनाली सिंह, परामर्शदाता डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदी (मप्र), मार्गदर्शक डॉ.एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’, सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार), विशिष्ट सहयोगी एच.एस. चाहिल (छग) एवं प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता’ (छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।

आपने बताया कि, स्पर्धा में गद्य वर्ग में ‘परंपरा और संस्कृति का रंग खेलें’ पर प्रो. यादव (महाराष्ट्र) ने पहला स्थान पाया है। इसी में द्वितीय विजेता ‘जीवन रंग कवियों के संग’ के लिए शशि दीपक कपूर (महाराष्ट्र) एवं ‘दोनों तरफ के दरवाजे बंद कर दें’ के लिए सुरेन्द्र सिंह राजपूत ‘हमसफ़र’ (मप्र) को तृतीय विजेता चुना गया है।

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