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नया सबेरा

अनिल कसेर ‘उजाला’ 
राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)
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कश्मीर से कन्याकुमारी,

बन गई एक फुलवारी।

एक हो गए अब नर-नारी,

गूंजेगी खुशियों की किलकारी।

जो रखेंगे नापाक इरादे,

मिट जायेगी उनकी मक्कारी।

कश्मीर की बात हो गई न्यारी,

होगी चहुँओर मुस्कान प्यारी।

न तेरा है,न मेरा है ये तो,

हिंदुस्तान का नया सबेरा हैll

परिचय –अनिल कसेर का निवास छतीसगढ़ के जिला-राजनांदगांव में है। आपका साहित्यिक उपनाम-उजाला है। १० सितम्बर १९७३ को डोंगरगांव (राजनांदगांव)में जन्मे श्री कसेर को हिन्दी,अंग्रेजी और उर्दू भाषा आती है। शिक्षा एम.ए.(हिन्दी)तथा पीजीडीसीए है। कार्यक्षेत्र-स्वयं का व्यवसाय है। इनकी लेखन विधा-कविता,लघुकथा,गीत और ग़ज़ल है। कुछ रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-सच्चाई को उजागर करके कठिनाइयों से लड़ना और हिम्मत देने की कोशिश है। प्रेरणापुंज-देशप्रेम व परिवार है। सबके लिए संदेश-जो भी लिखें,सच्चाई लिखें। श्री कसेर की विशेषज्ञता-बोलचाल की भाषा व सरल हिन्दी में लिखना है।

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