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नहीं किसी पर आश्रित

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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जिंदगी की खातिर (मजदूर दिवस विशेष)…..

गीत एकता का गाता भारतीय,
मजदूर लेकर चले भगवा ध्वज
लहरा गया भारत में भारतीय,
मजदूर संघ का भगवा ध्वज।

अपने कठिन परिश्रम से मजदूर,
भारत भूमि में राम राज्य लाएंगे
एकता का दीप हर ओर जला के,
मजदूरों ‘मजदूर दिवस’ मनाएंगे।

मजदूर संघ की एकता-नारे से,
हर्षित हुईं अपनी भारत माता
मालिक और मजदूर सभी को,
शुभ आशीष देती भारत माता।

नाचेंगें गाएंगें, हम खुशी मनाएंगे,
आज हम सबका मजदूर दिवस है।
मजदूर नहीं किसी पर आश्रित है,
अपने बाहुबल से, नहीं विवश है॥

परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है।

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