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न डर,गुजर जाएगी

संजय यादव ‘बाबा’
इंदौर (मध्यप्रदेश)
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ये तो एक आपदा है न डर,गुजर जाएगी,
न तू गुजरेगा-न में गुजरूँगा,आपदा है गुजर जाएगी।

हिंदुस्तानी है हौंसला बुलन्द रख,न तू डर-न में डरुँ,
किस-किस को निगल लेगी ये,ये न तुझे पता-न मुझे पता,हौंसला तो रख॥
न तुझे पता था न मुझे पता था,वो (मौत) किधर से आएगी,
चन्द दिनों,घण्टों-पलों में जाने किस-किसको निगल जाएगी।
ये न तुझे पता था,न मुझे पता था…

कोई बेड के लिए तो कोई इंजेक्शन के लिए लड़ रहा था,
चन्द लोग इंजेक्शन पर डिबेट कर रहे थे और यहाँ पल-पल लोग मर रहे थे।
यहाँ परिजन पल-पल गिन रो रहे थे और वो वहाँ समय का हवाला दे रहे थे,
ऐसा भी समय आएगा,ये तुझे पता था-न मुझे पता था।
कौन वोट के लिए और कौन नोट के लिए नौटंकी कर रहा था।
ये न तुझे पता था,न मुझे पता था…

अस्पतालों में लगी थी कतार तो श्मशान कहाँ सूने थे,
न जाने इस महामारी में कितने घर सूने थे।
कहाँ से आई ये आपदा और कहाँ खत्म होगी ये विपदा,
ये न तुझे पता है,न मुझे पता है।
गजब की हो रही राजनीति यहाँ,कोई आँकड़े छुपा रहा तो कोई आँकड़े गिना रहा यहाँ,
कितने घर उजड़ गए और कितने अपनों से बिछड़ गए।
ये न तुझे पता था,न मुझे पता था…।

कतारें लगी थी तो टोकन बँट रहे थे,
ये न तूने सोचा था,न मैंने सोचा था।
के फिर वो दौर आएगा कि इंसान को न कोई जलाएगा,
न दफ़नाएगा,माँ गंगा की गोद में दबाएगा।
ये न मैंने सोचा था,न ये तूने सोचा था,
ये न तुझे पता था,न मुझे पता था…

कितने मासूमों के सिर से माँ-बाप का साया छिन गया,
अरे चीन तूने ये कैसा कहर बरसाया।
यहाँ पिता ने बेटे को तो एक बेटी ने माँ को दफनाया,
अब तक ये न समझ आया कि इस आपदा ने कितनों को रुलाया।
तो कितनों को असमय मौत की नींद सुलाया।
न ये तुझे पता था,न ये मुझे पता…

यहाँ हर शख्स गमगीन है तो कईं गमहीन हैं,
चन्द रुपयों की खातिर कोई मुस्कुराया तो कोई दिल पे पत्थर रख आँसू भर रो भी न पाया।
ये कैसी विपदा अचानक आन पड़ी,
न किसी का मान रहा-न सम्मान रहा।
सम्मान की पगड़ी पड़ी जमीन पर,न कोई सम्भाल पाया-
न उठा कर उसे अंतिम विदाई में पहना पाया।
है प्रभु ये तेरी कैसी माया,इंसान दो गज जमीन को तरसा,
माँ गंगा की गोद में अपने को पाया।
न ये तुझे पता था,न ये मुझे पता था…

रख हौंसला ये हिन्द के बाशिन्दे,ये वक्त है गुजर जाएगा,
फिर लहलहाएगी ये जिंदगी,बस हौंसला रख,
चन्द कदमों की बची है दूरी,
फिर से शुरू होगी वही अपनी खुशनुमा जिंदगी॥
ooooo

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