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पृथ्वी पर बचे रहें उनके चिन्ह

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार
अहमदाबाद (गुजरात ) 
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जब देखती हूँ मैं उगते सूरज को,
उनकी बेचैनी
उनकी तड़प,
उनकी जीने की चाहत और दीनता
उनकी अंधेरे से लड़ाई,
सबका सब
मेरी नसों में उतरता जाता है…।
करोड़ों-करोड़ों लोग
जो नहीं देख पा रहे हैं सूरज,
उनके लिए सूरज को
अपनी हथेली पर उगाना चाहती हूँ…।
पहुँचना चाहती हूँ उनके अंधेरे में
लाल सूरज बनकर,
महसूस करना चाहती हूँ
उनकी हँसी
उनकी इच्छाएँ,
अनछुई अभिलाषाओं को
पंख लगते देखना चाहती हूँ…।
उनकी तमाम जरूरतों पर,
अपने हाथों का बल रखना चाहती हूँ
सुनना चाहती हूँ कि वे जीवित हैं,
अक़ीद हैं उनके इरादे
उनके संघर्ष में,
विपरीत परिस्थितियों में
लड़ने की शक्ति
बनना चाहती हूँ मैं,
ताकि हजार-हजार वर्षों तक
पृथ्वी पर बचे रहें उनके चिन्ह॥

परिचयडाॅ.आशासिंह सिकरवार का निवास गुजरात राज्य के अहमदाबाद में है। जन्म १ मई १९७६ को अहमदाबाद में हुआ है। जालौन (उत्तर-प्रदेश)की मूल निवासी डॉ. सिकरवार की शिक्षा- एम.ए.,एम. फिल.(हिन्दी साहित्य)एवं पी.एच.-डी. है। आलोचनात्मक पुस्तकें-समकालीन कविता के परिप्रेक्ष्य में चंद्रकांत देवताले की कविताएँ,उदयप्रकाश की कविता और बारिश में भीगते बच्चे एवं आग कुछ नहीं बोलती (सभी २०१७) प्रकाशित हैं। आपको हिन्दी, गुजराती एवं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। आपकी कलम से गुजरात के वरिष्ठ साहित्यकार रघुवीर चौधरी के उपन्यास ‘विजय बाहुबली’ का हिन्दी अनुवाद शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है। प्रेरणापुंज-बाबा रामदरश मिश्र, गुरूदेव रघुवीर चौधरी,गुरूदेव श्रीराम त्रिपाठी,गुरूमाता रंजना अरगड़े तथा गुरूदेव भगवानदास जैन हैं। आशा जी की लेखनी का उद्देश्य-समकालीन काव्य जगत में अपना योगदान एवं साहित्य को समृद्ध करने हेतु बहुमुखी लेखनी द्वारा समाज को सुन्दर एवं सुखमय बनाकर कमजोर वर्ग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और मूल संवेदना को अभिव्यक्त करना है। लेखन विधा-कविता,कहानी,ग़ज़ल,समीक्षा लेख, शोध-पत्र है। आपकी रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित और आकाशवाणी से भी प्रसारित हैं। काव्य संकलन में आपके नाम-झरना निर्झर देवसुधा,गंगोत्री,मन की आवाज, गंगाजल,कवलनयन,कुंदनकलश,
अनुसंधान,शुभप्रभात,कलमधारा,प्रथम कावेरी इत्यादि हैं। सम्मान एवं पुरस्कार में आपको-भारतीय राष्ट्र रत्न गौरव पुरस्कार(पुणे),किशोरकावरा पुरस्कार (अहमदाबाद),अम्बाशंकर नागर पुरस्कार(अहमदाबाद),महादेवी वर्मा सम्मान(उत्तराखंड)और देवसुधा रत्न अलंकरण (उत्तराखंड)सहित देशभर से अनेक सम्मान मिले हैं। पसंदीदा लेख़क-अनामिका जी, कात्यायनी जी,कृष्णा सोबती,चित्रा मुदगल,मृदुला गर्ग,उदय प्रकाश, चंद्रकांत देवताले और रामदरश मिश्र आदि हैं। आपकी सम्प्रति-स्वतंत्र लेखन है।

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