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फिजी त्रयी के बेजोड़ स्‍तंभ थे कमला प्रसाद मिश्र-अनिल जोशी

संगोष्‍ठी-लोकार्पण…

हैदराबाद(तेलंगाना)।


कमला प्रसाद मिश्र फिजी के श्रेष्‍ठतम कवियों में गिने जाते हैं। रवीन्‍द्रनाथ टैगोर ने खुद की कविता की तुलना में कमला प्रसाद मिश्र की ‘ताजमहल’ कविता को सराहा था। वे फिजी त्रयी (जोगेन्‍द्रर सिंह कवल,प्रो. सुब्रमण्‍यम,कमला प्रसाद मिश्र) में शामिल थे।
यह बात केंद्रीय हिंदी शिक्षण मण्‍डल के उपाध्‍यक्ष अनिल शर्मा जोशी ने कमला प्रसाद मिश्र काव्‍य संचयन के लोकार्पण अवसर पर कही। श्री जोशी ने मिश्र जी के काव्‍य पर बेहतरीन काम के लिए सम्पादक डॉ.सुरेश ऋतुपर्ण के परिश्रम की तारीफ की। केंद्रीय हिंदी संस्‍थान,भारत के उच्‍चायोग,स्‍वामी विवेकानन्‍द सांस्‍कृतिक केंद्र फिजी,अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग परिषद तथा विश्‍व हिंदी सचिवालय के तत्‍वावधान में वैश्विक हिंदी परिवार की ओर से आयोजित आभासी संगोष्‍ठी में कमला प्रसाद मिश्र के साहित्यिक अवदान पर चर्चा हुई। इस दौरान फिजी के सुविख्‍यात कवि कमला प्रसाद मिश्र पर केंद्रित डॉ. सुरेश ऋतुपर्ण द्वारा संपादि‍त कमला प्रसाद मिश्र काव्‍य संचयन का लोकार्पण भी किया गया। अध्‍यक्षता फिजी में भारत के उच्‍चायुक्‍त पी.एस. कार्थिगेयन ने की। आपने श्री मिश्र के साहित्यिक योगदान की प्रशंसा की।
प्रख्‍यात लेखक और भाषाविद् डॉ. विमलेश कांति वर्मा ने श्री मिश्र के साथ बिताए पलों को साझा किया तथा कहा कि कमला प्रसाद मिश्र न सिर्फ कवि थे,बल्कि सधे हुए गद्यकार भी थे। उनके गद्य को भी दुनिया के सामने लाया जाना चाहिए। उनकी व्‍यंग्‍य रचनाओं को याद करते हुए श्री वर्मा ने कहा कि प्रजातंत्र कविता में वे लिखते हैं कि ‘’प्रजातंत्र थोड़ा देता ज्‍यादा ले-लेता है।‘’
के.के. बिरला फाउंडेशन के निदेशक तथा संपादक डॉ. ऋतुपर्ण ने कहा कि कमला प्रसाद मिश्र हिंदी साहित्‍य,प्रवासी साहित्‍य का एक चमकता हुआ तेज पुंज है। उन्‍होंने प्रसिद्ध साहित्‍यकार विजय स्‍नातक द्वारा श्री मिश्र के बारे में की गई टिप्‍पणी ‘’अगर कमला प्रसाद फिजी न गए होते तो भारत के बड़े कवि होते’’ को उद्धत किया। आपने कहा कि मिश्र जी के साहित्‍य पर अभी और काम करने की जरूरत है।
परिषद के मानद निदेशक नारायण कुमार ने मिश्र जी की प्रतिभा का उल्‍लेख करते हुए कहा कि वे कई भाषाओं के जानकार थे। वे हमेशा जिज्ञासु बने रहते थे।
संगोष्‍ठी की भूमिका प्रो. राजेश कुमार ने रखी। केंद्रीय हिंदी संस्‍थान मैसूर के क्षेत्रीय निदेशक परमान सिंह ने अतिथियों का स्‍वागत किया। रोहित कुमार हैप्‍पी ने धन्‍यवाद ज्ञापित किया।

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