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फूलों की जुबां से प्यार…

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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फूलों की जुबां से हरपल हों,
खूब प्यार का इजहार यहां
प्रेम भाव प्यार नहीं है जनाब,
अमृत का है संसार जो दिखता यहां।

ज़िन्दगी के सफ़र में प्रेम-प्यार,
सबसे उत्तम व मजबूत सहारा है
ज़िन्दगी के सफ़र का अपूर्व सुकून,
दिल का मज़बूत संग व साथी
स्वरूप में हरदिल अजीज व प्यारा है।

प्रेम समर्पण है उत्तम सत्कार भी,
हरपल याद कराया करता है
दिलों में बसा-छुपा उद्गार भी,
दिल की गहराई से भरपूर
याद रखने के लिए मजबूर व,
समर्पण भाव से अज़ीज़ दिल को
हरपल प्रफुल्लित कर जाता है,
इसे चाहत कहें या प्रेमी जोड़ों
के बीच अन्तर्मन का अपनत्व,
जीवन में खुशहाली भर देता है।

हर दिल में यह प्रेम जगह बना,
प्रेम को शिखर पर पहुंचाने का
एक सम्बल मजबूत तन्त्र है,
फूलों को हमेशा मिलता रहा है
बहुत वाजिब हक नहीं रहता,
ज़िन्दगी के सफ़र में कभी परतंत्र है।

प्रेम को है खूब इसका आज़ भी,
अमृत सरोवर में खूब गुमान यहां
हम-सब को यहां मिलकर हरपल,
करना चाहिए प्रेम के अनुपम व
सौंदर्य श्रंगार का सम्मान खूब हो यहां।

फूलों से सजाकर दिल को,
जुबां पर तहेदिल से शुक्रिया अदा
करने का अहसास हृदय पुष्प से,
मिलकर हम यहां खूब प्रयास करें
जीवन के सफ़र में आगे बढ़ते हुए,
ज़िन्दगी के अमृतमय संसार को
शुक्रिया अदा करने का दिल से,
बढ़-चढकर मन से उत्साह भरें।

आज़ सख्त जरूरत है यहां,
प्रेम और प्यार में तकरार कहां
दोनों जवां दिल हरपल मिलते हैं,
हसीन वादियों में खूब यहां।

प्रेम भाव और प्यार बहुत सुंदर,
श्रंगार रस का सौन्दर्य है
वीर रस का भी नहीं दिखता,
कभी यहां उधम व दिखता उदय है।

जनाब प्यार तो हर रस से,
इस समर में सराबोर होता है।
जन्नत-सा संसार यहां दिखता व,
खूब दिल से महसूस होता है॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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