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बहुत पछताओगे…

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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तुम्हारी खूबसूरती को,
हर कोई चाहेगा
मगर हमारी चाहत को,
कहाँ कोई पाएगा।

मर्म से निकले आँसू,
नज़र नहीं आते हैं
मगर अल्फाज़,
बहुत कुछ कह जाते हैं।

देख लेना एक दिन,
बहुत पछताओगे
हम होंगे कोसों दूर,
तुम ढूंढते रह जाओगे।

आसमान को छूना,
इतना आसान नहीं है
ख्वाबों की दुनिया में,
कोई पहचान नहीं है।

बेवफा हमसे नहीं,
अपने-आपसे हो जाओगे।
मर्म के आँसुओं को अगर,
समझ नहीं पाओगे॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।