कुल पृष्ठ दर्शन : 376

You are currently viewing बाल अधिकार

बाल अधिकार

रश्मि लता मिश्रा
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
******************************************************************

विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष………..


अक्टूबर में मनाते थे पहले,
नवम्बर आया बाद।
उन्नीस,सौ,उनसठ में दी थी,
संयुक्त राष्ट्र संघ ने सौगात।
बच्चों के अधिकारों का ताना-बाना बुना गया,
बाल दिवस मनाने को दिन
दिन बीस नवम्बर चुना गया।
वे हस्ताक्षर समझौतों में
बच्चों के अधिकारों हेतु,
एक सौ एक या नब्बे देशों में
पारित किया गया यह रूप।
‘फॉर चिल्ड्रन,बाय चिल्ड्रन’,
‘गो ब्लू अभियान’ चला।
ब्लू रंग अधिकारों संग,
बच्चों को वरदान मिला।
नेहरू जी का जन्म दिवस
नवम्बर १४ को आता है।
बाल दिवस के रूप में,
बच्चों को वह भाता है।
श्रद्धांजलि के तौर पर,
बाल दिवस मनाते हैं
बच्चों के चाचा नेहरू
याद उन्हें बहुत आते हैं।
स्वास्थ्य,शिक्षा का ध्यान रख
नैतिक मूल्य सिखाओ बच्चों को,
अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस का
सच्चा मर्म बताओ बच्चों को।
अपना धर्म निभा कर तुम,
सुमार्ग पर चलाओ बच्चों को।
तभी विश्व बाल दिवस मनेगा,
जब हर बच्चा सुखी रहेगा।

परिचय-रश्मि लता मिश्रा का बसेरा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में है। जन्म तारीख़ ३० जून १९५७ और जन्म स्थान-बिलासपुर है। स्थाई रुप से यहीं की निवासी रश्मि लता मिश्रा को हिन्दी भाषा का ज्ञान है। छत्तीसगढ़ से सम्बन्ध रखने वाली रश्मि ने हिंदी विषय में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण(सेवानिवृत्त शिक्षिका )रहा है। सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत समाज में उपाध्यक्ष सहित कईं सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं में भी पदाधिकारी हैं। सभी विधा में लिखने वाली रश्मि जी के २ भजन संग्रह-राम रस एवं दुर्गा नवरस प्रकाशित हैं तो काव्य संग्रह-‘मेरी अनुभूतियां’ एवं ‘गुलदस्ता’ का प्रकाशन भी होना है। कईं पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएं प्रकाशित हैं। प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में-भावांजलि काव्योत्सव,उत्तराखंड की जिया आदि प्रमुख हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-नवसृजन एवं हिंदी भाषा के उन्नयन में सहयोग करना है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ एवं मुंशी प्रेमचंद हैं। प्रेरणापुंज-मेहरून्निसा परवेज़ तथा महेश सक्सेना हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी भाषा देश को एक सूत्र में बांधने का सशक्त माध्यम है।” जीवन लक्ष्य-निज भाषा की उन्नति में यथासंभव योगदान जो देश के लिए भी होगा।

Leave a Reply