उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश)
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हरदम चलता सत पथ पर मैं,
इरादा मेरा नेक है
आदत मेरी मुँह पर बोलने की,
लक्ष्य मेरा एक है…।
चाहे वो हो अपना या पराया,
सत पथ पर मैंने है हराया
क्योंकि इरादा अपना नेक है,
लक्ष्य मेरा एक है…।
जो मैं बोलूँ पहले तोलूँ,
रहा ना जाए तब मुँह खोलूँ
क्योंकि यहाँ दाँव लगाया हर एक है,
लक्ष्य मेरा एक है…।
कर जाऊँ कुछ ऐसा काम,
दुनिया ले इज्ज़त से नाम
बस मन में यही एक टेक है,
लक्ष्य मेरा एक है…।
कहे ‘उमेश’ कवि अब से सीखो,
समझ ना पाओ तो बार-बार लिखो
कर्तव्य जिसका नेक है,
लक्ष्य मेरा एक है…।
मिले सफलता जब जीवन में,
लाना कभी तुम अहं ना मन में
यही बड़ा विवेक है,
लक्ष्य मेरा एक है…।
कहे ‘उमेश’ लक्ष्य समझाकर,
करो भरोसा भाई खुद पर
मतलबी यहाँ हर एक है,
लक्ष्य मेरा एक है…।
मेहनत करो-मेहनत की खाओ,
हरि ने दिया-हरि गुन को गाओ।
सबका रखवाला एक है,
लक्ष्य मेरा एक है…॥
परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।