कुल पृष्ठ दर्शन : 240

You are currently viewing सौहार्द ही साख

सौहार्द ही साख

जबरा राम कंडारा
जालौर (राजस्थान)
****************************

विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष….

हिलमिल रहना हर किसी से,मानव का व्यवहार।
सौहार्द ही साख बनाता,जीवन दे निखार॥

अपनापन उर भीतर रखिये,प्रेम बढ़ाता मान।
भाईचारा भलमनचाहत,सच्चाई पहचान।
नेकीपन जनहित भावना,सद्गुण सदाचार।
सौहार्द ही साख बनाता,जीवन दे निखार…॥

जनहितकारी सोच जिनकी,कार्य जनहितकारी।
जो नि:स्वार्थ सेवा करता,वो ही परोपकारी।
अपना-पराया भेद नहीं,दिल का जो दिलदार।
सौहार्द ही साख बनाता,जीवन दे निखार…॥

जोड़ सभी को रखना है,चाहे कोई कैसा हो।
सभी बराबर सभी अपने,हर कोई घर जैसा हो।
प्रेम-प्रीत पसराते रहना,इसमें समझे सार।
सौहार्द ही साख बनाता,जीवन दे निखार…॥

जातिवाद से ऊपर उठें,नफरत करें न धर्म से।
कैसी भी कमाई करता,कैसा भी हो कर्म से।
समतावादी हो भावना,ऐसे हों सोच-विचार।
सौहार्द ही साख बनाता,जीवन दे निखार…॥

रिश्तेदारी में अपनत्व,सम्हाले सब जिम्मेदारी।
शादी-ब्याह और पर्व पर,निभाये भागीदारी।
परिवार पर पूरा ध्यान दे,दे सब काज संवार।
सौहार्द ही साख बनाता,जीवन दे निखार…॥

Leave a Reply