कुल पृष्ठ दर्शन : 242

You are currently viewing लहरों-सी स्मृतियाँ

लहरों-सी स्मृतियाँ

डॉ.सोना सिंह 
इंदौर(मध्यप्रदेश)
**************************************

स्मृतियाँ होती है समुद्र की लहरों की तरह,
एक आती-जाती है,मारती है टक्कर किनारों पर
टोहती रहती है रास्ता यहां-वहां,
मथती रहती है दिमाग को
फिर चली जाती है कुछ पल के लिए,
हो जाता है पहले जैसा कुछ पल के लिए।

फिर आती है नए-नए आवेग के साथ लहरें,
अपने साथ लाती हैं बहुत कुछ सीप,मोती
शंख,पंख और ढेर सारा कचरा किनारे पर छोड़ जाती है,
बीनने वालों के लिए;चुनने वालों के लिए।
फिर आती हैं स्मृतियां लहरों की तरह,
और यह क्रम चलता रहता है अनवरत॥

परिचय-डॉ.सोना सिंह का बसेरा मध्यप्रदेश के इंदौर में हैL संप्रति से आप देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,इन्दौर के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला में व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैंL यहां की विभागाध्यक्ष डॉ.सिंह की रचनाओं का इंदौर से दिल्ली तक की पत्रिकाओं एवं दैनिक पत्रों में समय-समय पर आलेख,कविता तथा शोध पत्रों के रूप में प्रकाशन हो चुका है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के भारतेन्दु हरिशचंद्र राष्ट्रीय पुरस्कार से आप सम्मानित (पुस्तक-विकास संचार एवं अवधारणाएँ) हैं। आपने यूनीसेफ के लिए पुस्तक `जिंदगी जिंदाबाद` का सम्पादन भी किया है। व्यवहारिक और प्रायोगिक पत्रकारिता की पक्षधर,शोध निदेशक एवं व्यवहार कुशल डॉ.सिंह के ४० से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन,२०० समीक्षा आलेख तथा ५ पुस्तकों का लेखन-प्रकाशन हुआ है। जीवन की अनुभूतियों सहित प्रेम,सौंदर्य को देखना,उन सभी को पाठकों तक पहुंचाना और अपने स्तर पर साहित्य और भाषा की सेवा करना ही आपकी लेखनी का उद्देश्य है।

Leave a Reply