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विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास ही शिक्षक का कर्तव्य

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला(मध्यप्रदेश)
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शिक्षक समाज का दर्पण….

अच्छा शिक्षक उत्साही, मिलनसार, सहज, शिक्षार्थियों के साथ तालमेल विकसित करने में सक्षम, अपने छात्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध, मिलनसार, शिक्षार्थियों में लोकप्रिय और आदर्श प्रतिमान के रूप में अपनी स्थिति के प्रति हमेशा सचेत होता है। एक अच्छे शिक्षक में कई तरह के कठोर और नरम कौशल भी होते हैं, जिन्हें प्रभावी शिक्षकों को निखारना चाहिए, जैसे-कक्षा प्रबंधन से भावनात्मक बुद्धिमत्ता तक। अपने सबसे अच्छे शिक्षक के बारे में सोचें। जब शिक्षकों के पास आवश्यक ज्ञान और कौशल होगा, तभी वे इतना बड़ा कार्य करने की स्थिति में होंगे।

एक सफल या आदर्श शिक्षक वह होता है, जिसे छात्र प्रसन्नता से याद करते हैं, अच्छी तरह से पढ़ाना जानते हैं कि प्रत्येक छात्र समझता है। यह वह शिक्षक है, जो स्पष्ट रूप से, संक्षेप में और विषय पर पढ़ाता है। एक शिक्षक की सफलता उसका नियमित शिक्षण है।
एक शिक्षक के रूप में आप अपने छात्रों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने वाले प्रभावी पाठों की योजना बनाने और उन्हें प्रस्तुत करने के लिए जिम्मेदार हैं। आपको अपने विषय के बारे में जानकारी होनी चाहिए और प्रासंगिक पाठ्यक्रम मानकों और सीखने के परिणामों से अवगत होना चाहिए।
एक अच्छे शिक्षक के कुछ गुणों में संचार, सुनना, सहयोग, सहानुभूति और धैर्य के कौशल शामिल हैं। प्रभावी शिक्षण की अन्य विशेषताओं में एक आकर्षक कक्षा उपस्थिति, वास्तविक दुनिया में सीखने का महत्व, सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान और सीखने के प्रति आजीवन प्रेम शामिल हैं।
एक शिक्षक का कर्तव्य है कि वह छात्रों को बौद्धिक, सामाजिक, शारीरिक, भावनात्मक और नैतिक रूप से विकसित करने में मदद करे, ताकि उनका सर्वांगीण विकास किया जा सके। बेशक! शिक्षक समाज का दर्पण होता है।

परिचय–प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे का वर्तमान बसेरा मंडला(मप्र) में है,जबकि स्थायी निवास ज़िला-अशोक नगर में हैL आपका जन्म १९६१ में २५ सितम्बर को ग्राम प्राणपुर(चन्देरी,ज़िला-अशोक नगर, मप्र)में हुआ हैL एम.ए.(इतिहास,प्रावीण्यताधारी), एल-एल.बी सहित पी-एच.डी.(इतिहास)तक शिक्षित डॉ. खरे शासकीय सेवा (प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष)में हैंL करीब चार दशकों में देश के पांच सौ से अधिक प्रकाशनों व विशेषांकों में दस हज़ार से अधिक रचनाएं प्रकाशित हुई हैंL गद्य-पद्य में कुल १७ कृतियां आपके खाते में हैंL साहित्यिक गतिविधि देखें तो आपकी रचनाओं का रेडियो(३८ बार), भोपाल दूरदर्शन (६ बार)सहित कई टी.वी. चैनल से प्रसारण हुआ है। ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं(विशेषांकों)का सम्पादन कर चुके डॉ. खरे सुपरिचित मंचीय हास्य-व्यंग्य  कवि तथा संयोजक,संचालक के साथ ही शोध निदेशक,विषय विशेषज्ञ और कई महाविद्यालयों में अध्ययन मंडल के सदस्य रहे हैं। आप एम.ए. की पुस्तकों के लेखक के साथ ही १२५ से अधिक कृतियों में प्राक्कथन -भूमिका का लेखन तथा २५० से अधिक कृतियों की समीक्षा का लेखन कर चुके हैंL  राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में १५० से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति एवं सम्मेलनों-समारोहों में ३०० से ज्यादा व्याख्यान आदि भी आपके नाम है। सम्मान-अलंकरण-प्रशस्ति पत्र के निमित्त लगभग सभी राज्यों में ६०० से अधिक सारस्वत सम्मान-अवार्ड-अभिनंदन आपकी उपलब्धि है,जिसमें प्रमुख म.प्र. साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार(निबंध-५१० ००)है।