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वृक्षों की वेदना और विनती

डाॅ. पूनम अरोरा
ऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)
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पर्यावरण दिवस विशेष….

सड़कें चौड़ीकरण हेतु
जीवित पेड़ों को काटा गया,
इक-इक अंग कटकर इनका…
कई घंटों तक कराहता रहा।

कराह गहरी सुन वृक्षों की
ह्रदय जनमानस व्यथित हुआ,
चोट कुल्हाड़ी की पड़ते देख…
दिल इंसानों का दहल गया।

कुछ पल पहले हँसता खेलता
पादप चिरनिंद्रा में लीन हुआ,
कितने ही पेड़ों की छाती से…
निकले लहू से लथपथ हुआ।

आत्मा निकल वृक्ष की बोली
काट,बाद बहुत पछताओगे,
फल,फूल,ऑक्सीजन,छाया…
कहाँ से अब तुम पाओगे।

शुद्ध हवा के ना मिलने से
तड़प-तड़प मर जाओगे,
गंभीर बीमार हो गए गर…
औषधियाँ कहाँ से पाओगे।

धूल को कर अवशोषित
प्रदूषण कौन भगाएगा,
जल को तरस जाओगे सब…
धरा की प्यास कौन बुझाएगा।

हैरान और परेशान हैं पक्षी
अश्रुपूर्ण नयनों से गुमसुम,
नष्ट हुआ हमारा आशियाना…
खत्म हो गया पानी दाना।

कहाँ होगा कलरव गान
कहाँ अपने घर का मान,
कहाँ होंगे बच्चे हमारे…
कौन लोरियां सुनाएगा।

प्रहार सहकर भी सुखदाता ने
धीरज रख अनुरोध किया,
हमारे इस बलिदान के बदले…
तुम हजारों पेड़ लगा देना।

फलें फूलेंगे हम फिर से,
धरा को स्वर्ग बना देना।
सुन्दरता और वैभव का’
अमृत यहाँ बरसा देना॥

परिचय–उत्तराखण्ड के जिले ऊधम सिंह नगर में डॉ. पूनम अरोरा स्थाई रुप से बसी हुई हैं। इनका जन्म २२ अगस्त १९६७ को रुद्रपुर (ऊधम सिंह नगर) में हुआ है। शिक्षा- एम.ए.,एम.एड. एवं पीएच-डी.है। आप कार्यक्षेत्र में शिक्षिका हैं। इनकी लेखन विधा गद्य-पद्य(मुक्तक,संस्मरण,कहानी आदि)है। अभी तक शोध कार्य का प्रकाशन हुआ है। डॉ. अरोरा की दृष्टि में पसंदीदा हिन्दी लेखक-खुशवंत सिंह,अमृता प्रीतम एवं हरिवंश राय बच्चन हैं। पिता को ही प्रेरणापुंज मानने वाली डॉ. पूनम की विशेषज्ञता-शिक्षण व प्रशिक्षण में है। इनका जीवन लक्ष्य-षड दर्शन पर किए शोध कार्य में से वैशेषिक दर्शन,न्याय दर्शन आदि की पुस्तक प्रकाशित करवाकर पुस्तकालयों में रखवाना है,ताकि वो भावी शोधपरक विद्यार्थियों के शोध कार्य में मार्गदर्शक बन सकें। कहानी,संस्मरण आदि रचनाओं से साहित्यिक समृद्धि कर समाजसेवा करना भी है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-‘हिंदी भाषा हमारी राष्ट्र भाषा होने के साथ ही अभिव्यक्ति की सरल एवं सहज भाषा है,क्योंकि हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है। हिंदी एवं मातृ भाषा में भावों की अभिव्यक्ति में जो रस आता है, उसकी अनुभूति का अहसास बेहद सुखद होता है।

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