पर्यूषण पर्व मन निर्मल करने आया

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’दिल्ली(भारत)************************************************ पर्यूषण पर्व आया,मन के अंतःकरण में पावनता लाया,हृदय में दया,अहिंसा,क्षमा,सदव्यवहार जगाने आया। पर्यूषण पर्व ने मन निर्मल,तन उज्जवल,दिल में प्रीत भर दी,क्षमा-याचना करने‌ से कटुता…

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सर्वश्रेष्ठ श्री गणेश

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’दिल्ली(भारत)************************************************ गणेश चतुर्थी विशेष..... श्री गणेश,हे श्री गणेश,सर्व गुणों में सर्वश्रेष्ठ। बुद्धि के प्रखर विधाता,जो तेरे दर पर आता। सर्व सुख सम्पत्ति पाता,लड्डू तुम्हें है भाता।…

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बारिश देख बरसती आँखें

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’दिल्ली(भारत)************************************************ जब छम-छम बरसा पानी मोरी अंखियाँ बरस गई,पिय की झलक देखने को मोरी अंखियाँ तरस गई। इक तो सावन में सजन जी तोहरी याद सताए,दूजे…

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सुख के दिन

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’दिल्ली(भारत)************************************************ 'सुख के दिन' तो तब आएँगे जब हम सब सत्कर्म करेंगे,कर्म के साथ-साथ पूजा,दान-पुण्य स्वधर्म समझेंगे। बुरे दिन तब टल जाएँगे सुख के दिन तेरा…

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वृक्षों की वेदना और विनती

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* पर्यावरण दिवस विशेष.... सड़कें चौड़ीकरण हेतुजीवित पेड़ों को काटा गया,इक-इक अंग कटकर इनका…कई घंटों तक कराहता रहा। कराह गहरी सुन वृक्षों कीह्रदय जनमानस व्यथित हुआ,चोट…

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फूल-सा बच्चा

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* तन पर नहीं वस्त्र,सर पर नहीं छतनिर्भाव तटस्थ मन,निर्भार-सा तन।हाथों में थमे पुष्प,इत्र फैलाएँ सर्वत्रहरियावाल के मध्य,फिर भी शुष्क लब।भावी चिन्तन,खोखले शब्दऊँघता गगन,सोए स्वप्न।मासूम बचपन,तोड़ता…

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जीतेंगे जिंदगी की जंग

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* जीवन है पुर अमन,जानता है हमारा मनमन-आँगन में ढेरों अंजुम,गुनगुनाते हुए जाते हैं सहम!क्यूंकि,जीवन में खुशियाँ कम,और ज्यादा हैं गम।सम्भाला है जबसे होश,रहे खेल काँटों…

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प्रथम पाती

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* चाहती हूँ फूल बन तुम पे बिखर जाना, चाहती हूँ बादल बन तुम पे बरस जाना। संदेश नवजीवन का सुनाना चाहती हूँ- प्रथम पाती प्रेम…

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बसंत का आना मानो…

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)***************************************************** बसंत का आना मानो…गोरैया का चहचहानाप्रभात गीत सुनाना,भूरी शाखाओं में सेनन्हीं-नन्हीं-सी हरी,कोंपलों का फूटनासप्ताह बाद कोंपलों का,कोमल हरे पत्तों मेंतब्दील हो जाना…। बसंत का आना…

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प्रेम

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)***************************************************** प्रेम शब्द में नहीं,भावों में हैंसूरज में नहीं,व्याप्त रोशनी में है।धूप में नहीं,फैली किरणों में हैआसमां में नहीं,सितारों के सौन्दर्य में है।वीरान पर्वत में नहीं,बहते…

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