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शिक्षा

मनोरमा जोशी ‘मनु’ 
इंदौर(मध्यप्रदेश) 
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शिक्षा का उद्देश्य है,
नर चरित्र निर्माण।
ईश्वर-आत्मा-सत्य की,.com
हो जिससे पहचान।
शिक्षा है चरित्र का,
साधन क्रम अनुकूलl
साध्य वस्तु चरित्र है,
शिक्षा साधन मूल।
जो इसके निर्माण में,
हो सहायक नेकl
उस शिक्षा का लाभ क्या,
जिसके दोष अनेक।
है यदि आत्म विकास का,
शिक्षा मूल उद्देश्यl
आशा प्रेम क्षमा दया,
होगी स्वतः विधेय।
अधिक बात चाहे न हो,
इतना ज्ञान अवश्यl
हो जाए तो सिद्ध है,
शिक्षा का मन्तव्य।
ईश्वर न्याय विधान में,
जब होगा विशवासl
अभ्युतिधत होता तभी,
उर में दिव्य प्रकाशll

परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

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