ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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समय बड़ा बलवान है, मत कोई देखो बाट
कितने ही आए-चले गए, पड़ी रह गई खाट।
पड़ी रह गई खाट, गफलत में सभी रह गए
देखे जो ख्वाब स्वप्न में, एक पल में बह गए।
कहे कवि ‘तारा’ जग में, सब गुरुओं को नमः
मान सभी का करो, सबक सिखाए समय॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।