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सर्वोत्तम अवतार

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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जीना जैसे पिता…

समर्पित प्यार के श्रंगार को,
हृदय तल से नमन
उन्नत खोज के इस संसार को,
दिल से नमन
पेड़ की छाया देने वाले,
सर्वोत्तम अवतार को
अन्तर्मन से है नमन।

यह पिता का एक अपूर्व उपकार है,
दुनिया में आगे बढ़ने का मिला खूब अधिकार है
आँखें खुली है उनकी वजह से,
मिला है सब-कुछ उन्हीं के कारण
आज दिख रहे हैं,
बस बनकर एक सटीक उदाहरण
मजदूर हो या हो एक छोटा-सा कामगार,
अधिकारी हो या छोटा-सा संसार,
जब जगह दिखता है,
बस पिता का ही प्यार।

सहूलियत हो जो पिता सोचते हैं,
बेटे-बेटियों की उन्नति बस देखते हैं
कमज़ोरी है तो बस अपना संसार,
उनके मन के कोने-कोने में,
बस मन में रहता है सदैव
बेटे-बेटियों के लिए बस प्यार।

अनगिनत इच्छाएं पूरी वो सदा करते,
‘न’ की बातें वो कभी नहीं करते
मजबूरियां हैं वो दिल में ही हैं छिपाते,
अपनी सन्तानों को वो नहीं कभी बताते
यही है उनके दिल के अरमान,
बेटे-बेटियों पर रहता खूब गुमान।
यह दुनिया को एक-एक व सही सीख है,
जीवन में ज़ीने के लिए ‘पिता’ सबसे सटीक है॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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