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सूर्य आराधना

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’ 
गोरखपुर(उत्तर प्रदेश)

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श्रद्धा आराधन वंदन,

नमन भावों से

सृष्टि को,

सूरज की भक्ति की शक्ति का

युग सारा।

तमस मिटाते युग का

जीवन में उजियारा लाते,

सबको भाते

अवनी अंबर का अभिमान,

उत्साह उमंग उल्लास

ओज तेज,

दिनकर दिवाकर को प्रणाम॥

अस्ताचल,

उगता चल

चलता चल हँसता चल।

भुवन भास्कर,

आशा विश्वास का

संचार युग जीवन का प्रवाह॥

शौर्य सूर्य युग

दंड का विधि-विधान,

नित-निरंतर का समय काल

आशा विश्वास का संचार,

प्रभा प्रभाकर

युग जीवन का प्रवाह

आना-जाना।

संध्या और प्रभात

शौर्य सूर्य सत्कार॥

परिचय-एन.एल.एम. त्रिपाठी का पूरा नाम नंदलाल मणी त्रिपाठी एवं साहित्यिक उपनाम पीताम्बर है। इनकी जन्मतिथि १० जनवरी १९६२ एवं जन्म स्थान-गोरखपुर है। आपका वर्तमान और स्थाई निवास गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) में ही है। हिंदी,संस्कृत,अंग्रेजी और बंगाली भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री त्रिपाठी की पूर्ण शिक्षा-परास्नातक हैl कार्यक्षेत्र-प्राचार्य(सरकारी बीमा प्रशिक्षण संस्थान) है। सामाजिक गतिविधि के निमित्त युवा संवर्धन,बेटी बचाओ आंदोलन,महिला सशक्तिकरण विकलांग और अक्षम लोगों के लिए प्रभावी परिणाम परक सहयोग करते हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत,ग़ज़ल,नाटक,उपन्यास और कहानी है। प्रकाशन में आपके खाते में-अधूरा इंसान (उपन्यास),उड़ान का पक्षी,रिश्ते जीवन के(काव्य संग्रह)है तो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-भारतीय धर्म दर्शन अध्ययन है। लेखनी का उद्देश्य-समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करना है। लेखन में प्रेरणा पुंज-पूज्य माता-पिता,दादा और पूज्य डॉ. हरिवंशराय बच्चन हैं। विशेषज्ञता-सभी विषयों में स्नातकोत्तर तक शिक्षा दे सकने की क्षमता है।