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स्नेह की डोरी

मुकेश कुमार मोदी
बीकानेर (राजस्थान)
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रक्षाबन्धन विशेष….

धागा राखी का बांधकर, करना यही प्रतिज्ञा,
कभी ना हो पाए हमसे, मानवता की अवज्ञा

दया-करुणा अपनाकर, करना तुम सहयोग,
हिंसा और घृणा से तुम, रखना सदा वियोग।

प्रेम का बन्धन है राखी, कभी ना टूटने देना,
हाथ थामा जो प्रभु का, कभी ना छूटने देना।

एक प्रभु की सन्तान, रखना आपस में प्यार,
पवित्रता की प्रतिज्ञा से, बदलना तुम संसार।

कष्ट किसी पर आए तो, मददगार बन जाना,
किया जो वादा राखी पर, उसे पूरा निभाना।

इसी प्रतिज्ञा की हर रोज, पालना तुम करना,
शुद्ध कर्मों से अपने, भाग्य में पुण्य ही भरना।

स्नेह की डोरी रक्षा बंधन, बांधे ऐसी कसकर,
हमारे कारण रोए ना कोई, जिए सब हँसकर।

यही सन्देश देता है, रक्षा बन्धन का त्योहार,
दया-करुणा जगा कर, करो सब पर उपकार॥

परिचय – मुकेश कुमार मोदी का स्थाई निवास बीकानेर में है। १६ दिसम्बर १९७३ को संगरिया (राजस्थान)में जन्मे मुकेश मोदी को हिंदी व अंग्रेजी भाषा क़ा ज्ञान है। कला के राज्य राजस्थान के वासी श्री मोदी की पूर्ण शिक्षा स्नातक(वाणिज्य) है। आप सत्र न्यायालय में प्रस्तुतकार के पद पर कार्यरत होकर कविता लेखन से अपनी भावना अभिव्यक्त करते हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-शब्दांचल राजस्थान की आभासी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त करना है। वेबसाइट पर १०० से अधिक कविताएं प्रदर्शित होने पर सम्मान भी मिला है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-समाज में नैतिक और आध्यात्मिक जीवन मूल्यों को पुनर्जीवित करने का प्रयास करना है। ब्रह्मकुमारीज से प्राप्त आध्यात्मिक शिक्षा आपकी प्रेरणा है, जबकि विशेषज्ञता-हिन्दी टंकण करना है। आपका जीवन लक्ष्य-समाज में आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों की जागृति लाना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-‘हिन्दी एक अतुलनीय, सुमधुर, भावपूर्ण, आध्यात्मिक, सरल और सभ्य भाषा है।’

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